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नारी, जवाल व बधमाणा बंदरों का आतंक

नारी, जवाल, बधमाणा और धर्मसाल महंता गांवों में बंदर खेतों में बीजे गेंहू के दानों को भी नहीं छोड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 05:52 PM (IST)
नारी, जवाल व बधमाणा बंदरों का आतंक
नारी, जवाल व बधमाणा बंदरों का आतंक

संवाद सहयोगी, ¨चतपूर्णी : नारी, जवाल, बधमाणा और धर्मसाल महंता गांवों में बंदर खेतों में बीजे गेंहू के दानों को भी नहीं छोड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांवों में पिछले वर्ष भी बंदरों ने उत्पात मचाया था और इस बार भी सैंकड़ों की संख्या में बंदर गांव में घुस आए हैं। इसके अलावा जंगली सूअर भर फसल को बेहद नुकसान पहुंचा रहे हैं। जवाल पंचायत प्रधान सुमन कुमारी, बधमाणा पंचायत के उपप्रधान सूरम ¨सह, बीडीसी सदस्य जीव राणा, राकेश डढवाल, अमित कुमार और देवराज ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व तक इन गांवों में कोई बंदर तक नहीं था, लेकिन अब बंदर खेतों के अलावा लोगों के घरों तक घुस रहे हैं। बंदर और बेसहारा पशु ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं। गांववासियों ने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि इस समस्या का समाधान किया जाए नहीं किसान स्थायी तौर पर खेती करना छोड़ देगें।

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