Move to Jagran APP

बस..'पापा' कह सदा के लिए सो गया आयुष

बेटे आयुष की स्कूल मासिक रिपोर्ट को देखने के बाद बाप-बेटा खुशी-खुशी घर लौट रहे थे। लेकिन किसी ने यह नही सोचा था कि टाहलीवाल में मौत उनका इंतजार कर रही है। पेरेंटस मी¨टग में अपने बेटे की उम्दा परफोरमेंस को देखने के बाद संजीव के चेहरा खुशी से खिला हुआ था। आयुष एएनएम स्कूल टाहलीवाल में पहली कक्षा का होनहार छात्र था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 08:58 PM (IST)
बस..'पापा' कह सदा के लिए सो गया आयुष
बस..'पापा' कह सदा के लिए सो गया आयुष

सतीश चंदन, ऊना

loksabha election banner

बेटे आयुष की स्कूल मासिक रिपोर्ट को देखने के बाद बाप-बेटा खुशी-खुशी घर लौट रहे थे, लेकिन किसी ने यह कहां सोचा था कि टाहलीवाल में मौत उनका इंतजार कर रही है। अध्यापक अभिभावक बैठक में बेटे का उम्दा प्रदर्शन देखने के बाद संजीव का चेहरा खुशी से खिला हुआ था। आयुष एएनएम स्कूल टाहलीवाल में पहली कक्षा का होनहार छात्र था। संजीव अपने बेटे आयुष, भाभी ममता व उसकी दुधमुंही एक साल की बेटी प्राची के साथ स्कूटी पर सवार घर कर्मपुर की तरफ जा रहे थे कि टाहलीवाल में दूसरी ओर से बेकाबू होकर आए ट्रक ने उन्हें बुरी तरह से रौंद दिया। हादसा इतना भयावह था कि एक ही परिवार के तीनों सदस्यों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बेटे के मुंह से पापा शब्द ही निकल पाया। पापा-पापा करते ही आयुष ने दम तोड़ दिया। संजीव ने बेटे को मौत की आगोश में जाते देख अपनी आंखें भी हमेशा के लिए बंद कर ली। आयुष की मां अभी भी सदमे में ही है। वह यकीन ही नहीं कर पा रही है कि उसका बेटा व पति इस संसार से जा चुका है। रिश्तेदार व लोग उसे सदमे से बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। बेटे व पति को हादसे में खोने का गम वह ताउम्र नहीं भूल पाएगी। आयुष की मां ने शुक्रवार सुबह बेटे को तैयार करके खुशी-खुशी स्कूल पेरेंट्स मी¨टग के लिए भेजा था, लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था। गांव में शोक की लहर है। हर कोई उनके घर ढांढस बंधाने जा रहा है। दुधमुंही प्राची भाई के साथ स्कूल तो गई थी, लेकिन भविष्य में स्कूल देखने का सपना उसका अधूरा ही रह गया। आयुष की मां व संजीव के परिजन जब घटनास्थल पर पहुंचे तो लाडलों के शव सड़क पर क्षत-विक्षित हालत में देखकर फूट-फूट कर रोने लगे। हर कोई यह मार्मिक दृश्य देखकर रोने को मजबूर था। अन्य घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह से अस्पताल पहुंचाया गया। प्राची की मां अभी भी पीजीआइ चंडीगढ़ में ¨जदगी व मौत की जंग लड़ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.