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लटकने से हुई थी सुमित की मौत, पुलिस जांच से परिजन असंतुष्ट

रायपुर सहोड़ा के सुमित कुमार मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट करीब 18 दिन के बाद पुलिस के पास पहुंच गई है। पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज टांडा में किया गया है।

By Edited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 09:49 AM (IST)
लटकने से हुई थी सुमित की मौत, पुलिस जांच से परिजन असंतुष्ट
लटकने से हुई थी सुमित की मौत, पुलिस जांच से परिजन असंतुष्ट

ऊना, जेएनएन। रायपुर सहोड़ा के सुमित कुमार मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट करीब 18 दिन के बाद पुलिस के पास पहुंच गई है। पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज टांडा में किया गया है। रिपोर्ट में मौत के कारणों का खुलासा हो गया है। इसमें मौत का कारण हैंगिंग माना जा रहा है। मंगलवार शाम ऊना पुलिस ने मौत मामले के कारणों की पुष्टि की। पुलिस का कहना है सुमित ने फंदा खुद लगाया या इसके पीछे कोई अन्य कारण थे, यह साफ नहीं हो पाया है।

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फिलहाल मामले की जांच जारी रहेगी और संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट के साथ ही फोरेंसिक रिपोर्ट का सहारा लिया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी करने से पहले पुलिस अधिकारियों ने एसपी ऊना के आदेशानुसार एएसपी विनोद धीमान व डीएसपी अशोक वर्मा ने अपने कार्यालय में सुमित के भाई समेत कुछ लोगों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान कई विषयों पर चर्चा हुई।

परिजनों का हर संदेह करेंगे दूर

वर्मा डीएसपी अशोक वर्मा ने कहा सुमित की मौत हैंगिंग से हुई है। अगर इसके साथ ही छह संदिग्ध लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। अगर और लोगों का भी कहेंगे तो उसे भी कराएंगे। उन्होंने कहा अगर परिजनों को इस मामले को लेकर कोई संदेह है तो इस मामले की सेकंड ओपिनियन को भी ध्यान में रखा जाएगा।

पुलिस से सहमत नहीं

सहोड़ इस संबंध में रायुपर सहोड़ा से ऊना में बैठक के लिए पहुंचे जिला परिषद सदस्य पंकज सहोड़ का कहना है कि वे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को सही नहीं मानते और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। आगामी रणनीति का खुलासा गांव के लोगों के साथ आपसी विचार-विमर्श करने के बाद किया जाएगा। कहा सुमित की पैंट, बाइक की चाबी का गायब होना जैसी कई अहम बातें, जिनके बारे में पुलिस को गहनता से जांच करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अगर न्याय न मिला तो मुख्यमंत्री के दौरे के समय घेराव का भी कदम लिया जा सकता है।

 पुलिस ने किए खुलासे

- सुमित दिमागी तौर पर परेशान था, पीजीआइ से ले रहा था उपचार।

- शव पर नहीं मिला कोई निशान, जहर के अंश, जलने के निशान नहीं।  

इन पर अभी भी संशय

- सुमित कैसे कोटला कलां गांव पहुंच गया।

- लापता होने के 18 दिन तक शव किसी ने नहीं देखा।

- सुमित के कुछ कपड़े, पर्स मौके से गायब।

- सुमित ने आत्महत्या करनी थी तो इस स्थान को क्यों चुना। 

यह है मामला

रायपुर सहोड़ा का सुमित कुमार 24 सितंबर को घर से ननिहाल बंगाणा के लिए बाइक पर सवार होकर गया था। उसी दिन शाम करीब सात बजे उसने मोबाइल से फोन करके अपने भाई निखिल को सूचित किया था कि वह आज घर नहीं आएगा। रात को अपने किसी दोस्त के घर पर ठहरेगा। इसके बाद करीब सवा सात बजे सुमित का मोबाइल फोन बंद हो गया था। 25 सितंबर को सुबह किसी महिला ने फोन करके सुमित के परिजनों को सूचित किया कि उसे मोबाइल फोन मिला है। इसके बाद सुमित के परिजन कोटलाकलां गांव में पहुंचे। सुमित का मोबाइल फोन, बाइक समेत अन्य सामान मिला। पुलिस के पास सुमित के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने 29 सितंबर को धारा 364 के तहत मामला दर्ज किया। 12 अक्टूबर की रात को सुमित का शव कोटलाकलां गांव के जंगल में एक पेड़ से लटकता हुआ मिला।  

प्रदर्शन भी कर चुके हैं लोग 12 अक्टूबर की रात को ही ऊना हलके के विधायक सतपाल रायजादा व जिला परिषद सदस्य पंकज सहोड़ के नेतृत्व में लोगों ने ऊना का मुख्य मार्ग जाम कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने एक सब इंस्पेक्टर को निलंबित करने के साथ ही उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई बैठा दी थी। शव मिलने के बाद तीसरे दिन गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने मैहतपुर कस्बे में नेशनल हाईवे पर करीब पांच घंटे तक जाम लगाकर नारेबाजी की। गुस्साए लोगों को आश्वासन दिया गया कि पोस्टमार्टम का इंतजार किया जाए।


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