श्रीकृष्ण के विवाह उत्सव में झूमे श्रद्धालु
पूबोवाल के पंजपीरी चौक चौगान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को श्रीकृष्ण-रुकमणि विवाह की झांकी निकाली गई।
संवाद सहयोगी, टाहलीवाल : पूबोवाल के पंजपीरी चौक चौगान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शनिवार को श्रीकृष्ण-रुकमणि विवाह की झांकी निकाली गई। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह उत्सव में सभी श्रद्धालु खूब झूमे। कथावाचक अरुण सहोड़ के 'नी मैं नचणा शाम दे नाल., मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो, ओ मेरा दिल दीवान हो गया वृदांवन की गलियों में, मुझे अपने ही रंग में रंग ले' भजनों पर श्रद्धालु खूब झूमे। पंडित अरुण सहोड़ ने कहा भारतीय संस्कृति में जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कार होते हैं। हमें अपने इन संस्कारों को भूलना नहीं चाहिए लेकिन कलियुग में हम सभी अपने संस्कार व संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। अगर हमारा मन कृष्ण नाम की खूंटी में फंस जाए तो फिर हमारा मन इस संसार में नहीं लगेगा। इसलिए हर समय हरे कृष्णा-हरे रामा महामंत्र का जाप करते रहो। यही हमें इस संसार से पार लगाएगा। वृदांवन एक ऐसा स्थल है जहां एक बार जाओ तो वहां आने का मन ही नहीं करता। अगर समय मिले तो वृंदावन अवश्य जाएं। इससे पहले कथावाचक ने पूतना वध, गोवर्धन पूजा, कंस वध सहित अन्य राक्षसों के वध की कथा सुनाई। इस अवसर पर मलकियत ¨सह, रामलुभाया, सुभाषचंद, बलविंदर ¨सह, पार्थ शर्मा, ध्रुव वासुदेव, गुलशन मोदी, पद्मभूषण सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।