बताओ सात माह का लंबित कब मिलेगा
एसएमसी स्टेट यूनियन के सोशल मीडिया प्रभारी ने कहा कि कहा कि सर
संवाद सहयोगी, टाहलीवाल : एसएमसी स्टेट यूनियन के सोशल मीडिया प्रभारी ने कहा कि कहा कि सरकार एसएमसी अध्यापकों से अन्याय कर रही है। सरकार ने एक तरफ पीटीए, पैट, पैरा और ग्रामीण विद्या उपासक अध्यापकों को नियमित कर दिया हैं और दूसरी तरफ 2635 एसएमसी अध्यापकों को सात महीनों से वेतन नही मिला हैं और न ही कोई स्थाई नीति बनी है। एसएमसी अध्यापकों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है।
उन्होंने बताया कि इस समय 2635 एसएमसी शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहें हैं। उनकी नियुक्तियां शिक्षा उपनिदेशक से अनुमति लेकर एसडीएम की अध्यक्षता में नियुक्त कमेटी द्वारा की गई हैं। अधिकतर एसएमसी शिक्षक प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में तैनात किए गए हैं। यहां सात साल से कोई अध्यापक नही था। सभी एसएमसी अध्यापक पिछले आठ वर्षों से लगातार कम वेतन और बिना किसी अवकाश के सेवाएं दे रहें हैं। कई स्कूल तो एसएमसी अध्यापकों के सहारे ही चल रहे हैं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार मान कर 2635 एसएमसी अध्यापकों को भी नियमित करे। एसएमसी अध्यापक काफी बार मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से मिले हैं। आश्वासन दिया था कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से अस्थाई शिक्षकों का फैसला आएगा, उसके बाद आपको नियमित किया जाएगा। अनवर खान ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की हैं कि 2635 एसएमसी अध्यापकों का सात माह से रुका वेतन जारी करें।