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मैं तो पहले ही कह रहा था, इस कंपनी में पैसे मत लगाओ

: भाई मैं तो पहले ही कह रहा था, .इस कंपनी में पैसे मत लगाओ, पर तुम थे कि माने ही नहीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 08:57 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 08:57 PM (IST)
मैं तो पहले ही कह रहा था, इस कंपनी में पैसे मत लगाओ
मैं तो पहले ही कह रहा था, इस कंपनी में पैसे मत लगाओ

जागरण संवाददाता, ऊना : भाई मैं तो पहले ही कह रहा था, .इस कंपनी में पैसे मत लगाओ, पर तुम थे कि माने ही नहीं। मुश्किल से जमा की गई रकम का ब्याज तो क्या मूल भी कंपनी लेकर भाग गई। शोर शराबे के बीच पिता अपने बेटे को डांट रहे थे, जबकि कुछ लोग अपने आपको कोस रहे थे। रातों रात अमीर बनने के चक्कर में लोगों ने अपनी खून पसीने की कमाई से भी हाथ धो लिया। ऊना मुख्यालय पर इंडिया एडवरटाइजमेंट सर्विस के नाम से चल रही एक निजी कंपनी ने प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के लोगों को करोड़ों रुपये की ठगी का शिकार बनाया है। खासकर युवा वर्ग इस कंपनी के झांसे में आया है। इस कंपनी ने अपने जाल में युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चों सहित हर वर्ग को फंसा लिया। लोग किस तरह मोटी कमाई के चक्कर में इसके जाल में फंसते चले गए उनको पता भी नही चला, जब होश आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

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यह पहला मामला नहीं है जब इस तरह का कोई फ्रॉड ऊना में हुआ है। इससे पहले भी कई कंपनियां आकर लोगों को चूना लगा चुकी हैं। पुलिस प्रशासन चाहे लोगों को एटीएम ठग गिरोह या जालसाजों के झांसे में न आने के लिए जागरूक करता हो लेकिन लोग फिर भी ठगी का शिकार हो ही जाते हैं। इस बार तो पढ़े-लिखे लोग भी ठगी का शिकार हुए हैं। कंपनी ने सबसे पहले ऊना मुख्यालय पर अपना कार्यालय शुरू किया। विज्ञापन व इश्तहार के माध्यम से एक- एक करके लोगों को अपने साथ जोड़ा।

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इस तरह बिछाया जाल

पार्टटाइम जॉब के नाम से प्रतिमाह हजारों रुपये कमाने का प्रलोभन भी दिया। कंपनी से जुड़ने के लिए कस्टमर को एक आइडी लेनी पड़ती, जिसकी एवज पर कस्टमर को तीन हजार व आठ हजार रुपये एक बार कंपनी को देने थे। ज्यादातर लोगों ने तीन हजार रुपये की आइडी लेना ही ठीक समझा। करीब 70 दिन बीत जाने के बाद लोगों को उनकी पेमेंट पांच हजार रुपये मिलने शुरू हो गई। इसी तरह सोशल मीडिया पर कंपनी का प्रचार-प्रसार शुरू हो गया। अब लोग कंपनी के साथ सीधे तौर पर जुड़ने लगे। लोगों ने तो कंपनी से फ्रेंचाइजी लेकर अपने अपने गांव में कार्यालय तक खोल लिए। इसी तरह कंपनी ने अपने पांव जमा लिए। लोगों को अब कंपनी पर पूरी तरह से विश्वास हो गया। कुछ रोज पहले कंपनी ने आफर किया कि अब हम लिमिटड लोगों को ही आइडी देंगे। जिसके बाद लोगों में कंपनी के साथ जुड़ने की होड़ लगी। किसी ने यह भी जानना उचित नही समझा कि जिस कंपनी के साथ जड़ रहे हैं वह किस आधार पर चल रही है।

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सोना गिरवी रख खरीदी थी आइडी

जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में लोगों ने अपने घर में पड़ा सोना तक गिरवी रख दिया। इतना ही नहीं एक महिला ने तो शिमला में सेब के सीजन से हुई लाखों की कमाई को ही गंवा लिया। महिला ने बताया सके पति ऊना में रहते हैं। घर में फ्री टाइम में पार्टटाइम जॉब करने के बारे में जब उसे पता चला तो वह इसे करने के लिए राजी हो गई। कंपनी से पहले एक आइडी ली जिस पर 70 दिन के बाद रकम आ गई। जिसके बाद उसको कंपनी पर विश्वास हो गया। उसके बाद उसने करीब दो दो लाख रुपये कंपनी के झांसे में आकर गंवा दिए। इसके अलावा कई लोगों ने तो सोने के गहने बेचकर इसे खरीदा था। जबकि, युवा वर्ग में अमित, राजीव, अर¨वद, लख¨वद्र, मोहन, दीपक ने तो अपने वेतन का एक हिस्सा इस काम में लगा दिया और उन्हें बड़ी चपत लगी।


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