Move to Jagran APP

राष्ट्रीयकृत बैंक पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप, जमीनी दस्तावेजों का ऐसे किया गलत प्रयोग

राष्ट्रीयकृत बैंक प्रबंधन गारंटी के नाम पर लिए गए जमीनी दस्तावेजों का गलत ढंग से प्रयोग किया है। इस धोखाधड़ी का पता आरटीआइ से मिली सूचना से चला है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 09:50 AM (IST)
राष्ट्रीयकृत बैंक पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप, जमीनी दस्तावेजों का ऐसे किया गलत प्रयोग
राष्ट्रीयकृत बैंक पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप, जमीनी दस्तावेजों का ऐसे किया गलत प्रयोग

ऊना, जेएनएन। रक्कड़ कॉलोनी निवासी कुलदीप शर्मा ने एक राष्ट्रीयकृत बैंक प्रबंधन पर ऋण देने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस थाना ऊना में शिकायत दर्ज करवाई है। इसके साथ ही सोमवार को पत्रकारवार्ता कर बैंक प्रबंधन पर गंभीर आरोप जड़े।

loksabha election banner

कुलदीप शर्मा ने आरोप लगाया है कि केनरा बैंक की ऊना स्थित शाखा के प्रबंधन ने गारंटी के नाम पर लिए गए जमीनी दस्तावेजों का गलत ढंग से प्रयोग किया है। मामले में मुख्य आरोपित फरार हैं, जिन्हें बैंक प्रबंधन ने अंदरखाते लाखों रुपये का ऋण भी जारी किया है। धोखाधड़ी का पता आरटीआइ से मिली सूचना से चला है। आरोपित मोहम्मद शाहिद हुसैन ने पहले उससे नजदीकियां बढ़ाई। बैंक ने धोखे से उनके मकान के कागजात पारस होम एप्लायंस के एक्सपोर्ट बिल के एलसी खाता में एक करोड़ का ऋण देने के लिए मांगे थे, लेकिन ऋण न देकर तत्कालीन बैंक मैनेजर एसके भानू ने उनका उपयोग किसी पुराने ऋण को चुकता करने के लिए कर लिया।

 

आरोप है कि वर्ष 2013 में बैंक मैनेजर एसके भानू ने रक्कड़ कॉलोनी में किराये के मकान में रहने वाले मोहम्मद शाहिद हुसैन व राकेश पाल  के साथ मिलकर साजिश को अंजाम दिया। दोनों आरोपितों ने कुलदीप को बैंक मैनेजर ने मिलवाया।

वहां एक एक्सपोर्ट आर्डर को दिखाया, जो लगभग एक लाख यूएस डॉलर्स का था। दो माह के लिए गारंटी डाल ऋण में मदद करने को कहा। मोहम्मद शाहिद हुसैन ने कुलदीप के बेटे पीयूष को पारस होम एप्लायंस में पार्टनर बना रखा था जिस कारण कुलदीप को बात माननी पड़ी लेकिन गारंटी के बाद कोई ऋण नहीं दिया। न ही एलसी खाता खोला। उल्टा मोहम्मद शाहिद हुसैन की पत्नी रशीदा खान के नाम 50 लाख का एक और ऋण फर्जी नाम से दिया। लोन में हुसैन से शाहिद खान नाम कर लिया। बैंक प्रबंधक से जब घर के कागजात मांगे तो वह टाल मटोल करने लगा। पूरे मामले से पर्दा आरटीआइ के माध्यम से वर्ष 2015 में उठा। कुलदीप के घर के दस्तावेज वर्ष 2013 में सीजीटीएमई के तहत दिए गए एक पुराने ऋण में उपयोग किए गए थे, जो 30 लाख रुपये सीसी लिमिट व 13.69 लाख टर्म लोन के तौर पर था। 30 लाख लिमिट ऋण के स्थान पर दोगुना करते हुए 59.47 लाख रुपये कर आवंटित कर दिया गया था। इस मामले में चंडीगढ़ की वसूली प्राधिकरण में केस दर्ज किया गया है।

ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले रहे सावधान, सीआइडी ने जारी की एडवायजरी

कुलदीप शर्मा के बेटे की शाहिद हुसैन व राकेश पाल के साथ पार्टनरशिप थी। बाकायदा जिस कार्य के लिए ऋण लिया जाना था उसमें कुलदीप शर्मा की सहमति से सभी दस्तावेज दिए गए, जिन्हें ऋण के लिए मोडगेज किया गया है। सही ऋण प्रक्रिया में उक्त दस्तावेज लगाए गए हैं। दोनों पार्टियों के बीच पार्टनरशिप

टूट जाने के चलते बैंक प्रबंधन को बीच में घसीटा जा रहा है। बैंक में जमीन मोडगेज होने के दौरान तहसीलदार के समक्ष दोनों पार्टियों की सहमति से फोटो भी हुए हैं।

-एसके भानु, बैंक आधिकरी, केनरा बैंक। वर्तमान में होशियरपुर पंजाब मुख्य ब्रांच में तैनात।,

टूट जाने के चलते बैंक प्रबंधन को बीच में घसीटा जा रहा है। बैंक में जमीन मोडगेज होने के दौरान तहसीलदार के समक्ष दोनों पार्टियों की सहमति से फोटो भी हुए हैं।

-एसके भानु, बैंक आधिकरी, केनरा बैंक। वर्तमान में होशियरपुर पंजाब मुख्य ब्रांच में तैनात।,

हिमाचल की अन्य खबरें पढऩे के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.