265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में हुआ अहम खुलासा, कार्रवाई के बाद लौटी सीबीआइ टीम
265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में जांच के दौरान रविवार को सीबीआइ ने अहम खुलासा करते हुए कहा है कि संस्थान में ही विद्यार्थियों की जाति बदली गई थी।
ऊना, राजेश शर्मा। 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में खुलासा हुआ है कि संस्थान में ही विद्यार्थियों की जाति बदली गई थी। क्योंकि राजस्व विभाग ने प्रमाणपत्र सही जाति के जारी किए थे। सीबीआइ ने लगातार तीसरे दिन रविवार को भी छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों के हस्ताक्षर नमूने लिए। फिलहाल सीबीआइ टीम कार्रवाई करके के बाद लौट चुकी है। राजस्व महकमे ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए अनुसूचित जाति के ही प्रमाणपत्र जारी किए थे। बाद में इंजीनियरिंग संस्थान में जमा होने पर ही टैंपरिंग करके अनुसूचित जनजाति के प्रमाणपत्र बना दिए गए थे। हालांकि उनके क्रमांक जारी होने वाले जाति प्रमाणपत्रों से ही मिलते हैं। छात्रों ने सीबीआइ के सामने प्रमाणपत्रों में बदली जाति को लेकर कोई जानकारी न होने की बात करके अब संस्थान पर जिम्मेदारी डाल दी है।
पटवारियों की ओर से जो मूल दस्तावेज जाति प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए छात्रों को जारी किए थे, उस रिपोर्ट में भी उनकी सही जाति दर्शाई गई थी। सभी पटवारियों ने सीबीआइ के सामने पुष्टि भी कर दी है। फिलहाल संबंधित इंजीनियरिंग संस्थान संकट में घिर गया है। इंजीनियरिंग संस्थान में करीब 32 करोड़ का छात्रवृत्ति का गोलमाल किया गया है। इस संबंध में सीबीआइ ने जांच पूरी कर ली है। कुछ छात्रों के हस्ताक्षर नमूने लिए जाने हैं, लेकिन वे राज्य से बाहर होने के कारण नहीं दे पाए हैं। अब सीबीआइ बचे हुए छात्रों से बाद में हस्ताक्षर नमूने लेगी।
इस बीच में भी खुलासा हुआ है की जिस संस्थान की छानबीन चल रही है इस समय ही सबसे बड़ा छात्रवृत्ति का गोलमाल हुआ है। हालांकि जिले में तीन अन्य इंजीनियरिंग संस्थान भी सीबीआइ के निशाने पर हैं जहां छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप लगे हैं। इन संस्थानों में छात्रों की जाति को लेकर छेड़छाड़ नहीं हुई है।
सीबीआइ के डीएसपी बलवीर शर्मा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर वीरेंद्र कश्यप व पंकज अरोड़ा की टीम ने पटवारियों के बयान दर्ज किए हैं। अब सीबीआइ किसी वक्त भी संबंधित इंजीनियरिंग संस्थान के उन कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है, जिनके समय में जाति प्रमाणपत्र के साथ छेड़छाड़ की गई है।सीबीआइ ने छात्रों को दबाव में न आकर सच्चाई का साथ देने की बात कही है। सीबीआइ ने छात्रों को भरोसा दिलाया है कि अगर किसी तरह से कोई भी उन पर दबाव बनाता है तो इसकी जानकारी दें।
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