कथा में गाय का संरक्षण करने का दिया संदेश
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वाधान में रामलीला ग्राउंड दौलतपुर में पांच दिवसीय श्रीकृष्ण कथामृत का आयोजन जारी है।
जागरण संवाददाता, दौलतपुर चौक : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वाधान में रामलीला ग्राउंड दौलतपुर में पांच दिवसीय श्रीकृष्ण कथामृत का आयोजन जारी है। चौथे दिन सुमेधा भारती ने प्रवचन दिए। कहा श्रीकृष्ण के जीवन में बहुत से चेतन पात्र हैं। उनकी बांसुरी जब बजती थी तो सभी को दीवाना कर देती थी। प्रभु की बांसुरी भक्ति व समर्पण का प्रतीक है। हमें भी प्रभु का बनना होगा, तभी जीवन का कल्याण है। भगवन श्रीकृष्ण गोपियों से माखन मंगवाते थे। माखन मंगवाने का मतलब है कि वे हमारा मन मांगते हैं ताकि जो मन संसार में बंधन का कारण है वो मुक्ति का साधन बन जाए।
गोवर्धन लीला प्रसंग भी सुनाया जो हमें समझाता है कि हमें अपनी प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। प्रकृति हमारी मां है। वह हमारे जीवनयापन के लिए हमें विभिन्न साधन प्रदान करती हैं। मानव ने आज अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का दोहन किया। उसे प्रदूषित कर दिया, तभी आज हमें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है।
श्रीकृष्ण का एक नाम गोपाल है। वे गोपालक हैं। प्रभु ने अपने जीवन में गो सेवा को महत्व दिया लेकिन आज श्रीकृष्ण की धरती पर गो की दशा दयनीय है। यदि हम अपनी संस्कृति को बचाना चाहते हैं तो गाय को बचाना होगा। गोधन के समान इस संसार में कोई धन नहीं है। गाय सुख व संपत्ति का मूल है। जो गाय के पंचगव्य का सेवन करता है वह कभी बीमार नहीं होता। चाणक्य की अर्थशास्त्र नीति देखकर पता चलता है कि उस समय गाय की रक्षा व संभाल के लिए अलग-अलग कानून बनाए गए थे। हमारी अर्थव्यवस्था व सामाजिक व्यवस्था का आधार गाय थी, जिस कारण से पुरातन काल में गाय को कामधेनु का दर्जा प्राप्त था। माता मानकर उसकी पूजा की जाती है, इसलिए उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य हैं। इस मौके पर अशमील मुहम्मद, रामदास शर्मा, जोशी शर्मा, कप्तान हैप्पी, बाबू राम, राजिंद्र कुमार, सतीश कुमार, मास्टर वेद प्रकाश, रमेश, विनोद, प्रिंसिपल गु¨रदर राणा, सुरिंद्रा देवी, सुकर्मा, शकुंतला शर्मा व सुमन मौजूद रहे।