राजस्थानी कंगन और लाख की चूड़ियां पहली पसंद
करवाचौथ पर महिला के श्रृंगार का जिक्र हो और उसमें चूड़ी-कंगन की बात न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। सोलह श्रृंगार में सबसे प्रमुख चूड़ियों की खनक को ही माना जाता है। इस करवाचौथ पर भी बाजार में महिलाओं की चहल-पहल के बीच चूड़ियों की खनक खूब सुनाई दे रही है। चूड़ियों में रंगरसिया कुमकुम भाग्य मेरे पिया जैसे नाम महिलाओं को खूब पसंद आ रहे हैं।
राजेश डढवाल, ऊना
करवाचौथ पर महिला के श्रृंगार का जिक्र हो और उसमें चूड़ी-कंगन की बात न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। सोलह श्रृंगार में सबसे प्रमुख चूड़ियों की खनक को ही माना जाता है। इस करवाचौथ पर भी बाजार में महिलाओं की चहल-पहल के बीच चूड़ियों की खनक खूब सुनाई दे रही है। चूड़ियों में रंगरसिया, कुमकुम भाग्य, मेरे पिया जैसे नाम महिलाओं को खूब पसंद आ रहे हैं। लाख की चूड़ियां व राजस्थानी कंगन भी आकर्षण बने हुए हैं। साधारण सी दिखने वाली रंग-बिरंगी कांच की चूड़ियों का हिदू धर्म व महिलाओं के सोलह श्रृंगार में अहम स्थान रहा है।
करवा चौथ व्रत नजदीक आते ही ऊना के बाजार ग्राहकों से गुलजार होने लगे हैं। महंगाई के कारण मंदी की मार का रोना रोने वाले उन दुकानदारों के चेहरे पर अब रौनक दिख रही है। जनरल स्टोर से लेकर सौंदर्य प्रसाधनों की दुकानों में खूब बिक्री हो रही है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में चूड़ियों की रिटेल की करीब 1000 दुकानें हैं।
बाजार में इस बार चूड़ियों का अच्छा स्टाक है। इसमें सादी चूड़ी से लेकर डिजाइनर चूड़ी तक मिल रही हैं। इसकी कीमत सौ रुपये प्रति सेट से शुरू होकर एक हजार रुपये तक है। जिले में फिरोजाबाद व राजस्थान तथा अंबाला से चूड़ियां मंगाई जा रही हैं। रंगरसिया और कुमकुम चूड़ी का जलवा
महिलाओं को लुभाने के लिए विक्रेताओं ने चूृड़ियों की खास रेंज निकाली है। रंगरसिया और कुमकुम भाग्य महिलाओं की पहली पसंद बनी हैं। कड़े के सेट भी खूब पसंद किए जा रहे हैं। चूड़ी विक्रेता विजय, मीनाक्षी, गुंजन, अशोक, पूजा ने बताया कि फिल्म और सीरियल के नाम पर चूड़ियां खूब बिकती हैं। इनकी कीमत 60 रुपये से लेकर 600 रुपये दर्जन तक है। राजस्थानी कंगन व लाख की चूड़ियां हैं खास आकर्षण
राजस्थानी कंगन भी महिलाओं की पहली पसंद बने हुए हैं। इनकी कीमत कांच की चूड़ियों की अपेक्षा कुछ अधिक जरूर है, लेकिन इसकी बिक्री भी तेजी से हो रही है। बदल रही परंपरागत चूड़ियों की खन-खन
परंपरागत कांच की चूड़ियां तो सदाबहार हैं ही, लेकिन इस करवा चौथ पर मेटल और पंजाबी चूड़े की भी ढेर सार वैरायटी बाजार में उपलब्ध हैं। मोटे कंगना स्टाइल के इन चूड़ी सेट में कांच की जगह प्लास्टिक और लाख का इस्तेमाल किया गया है। ट्रेंड में यह भी अगर आप चाहें तो इन पर पति का नाम भी लिखवा सकती हैं। बाजार में डिजाइन और वर्क के अनुसार इनकी कीमत 450 रुपये से लेकर 4500 रुपये तक है। सांगरा मार्केट में चूड़ियां पसंद कर रही वार्ड नंबर एक की सोनाली, अम्ब निवासी सुनीता, झलेड़ा निवासी सोना, वार्ड नंबर दो निवासी एंजल ने कहा डिजाइनर सेट काफी अच्छे हैं। चूड़े के डिजाइन भी इस बार राजस्थानी टच लिए हुए हैं। ढाई करोड़ से अधिक का चूड़ी कारोबार ऊना में
ऊना बाजार के कई दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछली बार करवाचौथ पर अकेले चूड़ियों की बिक्री 75 से एक लाख रुपये के बीच हुई थी। मुख्य बाजार के एक विक्रेता ने बताया कि पिछले वर्ष करवा चौथ पर 70 हजार रुपये का माल लाए थे, जो लगभग बिक गया है। इन दोनों विक्रेताओं ने कहा कि इस बार भी वो करीब एक-एक लाख रुपये का माल लाए हैं। मोटे तौर पर एक अनुमान के अनुसार इस बार ऊना में चूड़ियों का कारोबार ढाई करोड़ के आसपास रह सकता है। एक विवाहिता करवाचौथ पर साड़ी या सूट के रंग के अनुसार चूड़ियां पसंद करती है और इस पर मध्यम वर्ग की महिला भी पांच सौ रुपये खर्च कर ही देती है। मैं भी करवाचौथ की तैयारी में व्यस्त हूं और पांच-सात सौ रुपये तो चूड़ियों पर खर्च हो ही जाएंगे। मध्यम वर्ग की महिलाएं इस दिन पांच हजार रुपये अनुमानित खर्च कर ही देती हैं और चूड़ियों पर एक हजार रुपये का खर्च सामान्य बात है।
-सुदेश गृहिणी (ऊना) करवा चौथ पर चूड़ियों की खासी मांग रहती है। ऊना व ऊना के आसपास मिलाकर रिटेल के करीब 1000 से अधिक विक्रेता होंगे। इसके इलावा फड़ी पर ग्रामीण महिलाओं को चूड़ियां बेचने वालों की संख्या अलग है। हम इस बार करीब एक लाख रुपये का माल तो लाए ही हैं।
-विजय कास्मेटिक (ऊना मेन बाजार)