सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं होने देंगे पद्मावत : यशपाल
क्षत्रिय महासभा ने भी पद्मावत फिल्म का विरोध किया है।
जागरण संवाददाता, ऊना : क्षत्रिय महासभा ने भी पद्मावत फिल्म का विरोध किया है। महासभा ने साफ किया है कि सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे, अगर ऐसा हुआ तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। मंगलवार को महासभा के अध्यक्ष राणा यशपाल ¨सह ने इसका एलान किया। उन्होंने ऊना में पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश सरकार को इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, क्योंकि फिल्म में मां पद्मावती के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसमें दिखाए गए दृश्यों में क्षत्रिय सहित पूरे ¨हदू समाज को आहत किया जा रहा है। फिल्मकार संजय लीला भंसाली आर्थिक उद्देश्य से अपनी फिल्म में मसाला परोसकर दूसरों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।
फिल्म निर्देशक व निर्माताओं ने पहले यह बात कही थी कि रिलीज होने से पहले समाज के प्रतिनिधियों को इसे दिखाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके विपरीत कुछ लोगों को इसे दिखाकर यह कहलाया गया कि फिल्म का इतिहास से कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब क्षत्रिय समाज ने इसे नकारा तो मजबूरी में दूसरे पैनल का गठन किया गया जिसमें उदयपुर से अर¨वद ¨सह, प्रो. कपिल कमर ¨सह, प्रो. ¨चतामणि ने फिल्म में कई आपत्तियां दर्ज करवाई पर फिल्मकार ने इन्हें खारिज कर दिया। अब तर्क दिए जा रहे हैं कि इस फिल्म का इतिहास से कोई लेना-देना नहीं है। अगर यह फिल्म कल्पना पर आधारित होती तो इसमें दिखाई गई जगह व पात्रों के नाम भी काल्पनिक होने चाहिए थे। प्रधानमंत्री भी जनभावनाओं का सम्मान करते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी हिमाचल में फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगवाएं। उन्होंने कहा कि सभी क्षत्रिय और ब्राह्मण सभाओं से अनुरोध है कि अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे सिनेमाघरों के मालिकों से इस फिल्म को न दिखाने का आग्रह करें। उन्होंने कहा कि महासभा नहीं चाहती कि प्रदेश की शांति भंग हो।