ऊना में निजी ऑपरेटर्स ने नहीं चलाई बसें, सरकारी बसों में नाममात्र सवारियां, डीसी ने जांची व्यवस्था
जिला में लाॅकडाउन के दौरान पहली जून से बस सेवा बहाल तो हो गई लेकिन लोगों ने यात्रा करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है।
ऊना, जेएनएन। जिला में लाॅकडाउन के दौरान पहली जून से बस सेवा बहाल तो हो गई, लेकिन लोगों ने यात्रा करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। परिवहन निगम ने करीब 38 बस रूट शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन जिस तरह से यात्रियों का रुझान देखा गया, लोगों को अभी बस की सवारी पसंद नहीं आई है। पहले रोज निजी बस आॅपरेटर्स ने बसें सड़क पर ही नहीं उतारीं। उधर अधिकांश लोग निजी वाहनों से ही सफर करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
स्वयं उपायुक्त संदीप कुमार भी बस अड्डे पर व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे थे। बस अड्डे में वे सभी इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल और स्वास्थ्य महकमे की ओर से यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने की व्यवस्था भी थी। सुबह से ही निगम के चालक और परिचालक दल समेत प्रबंधन के लोग भी यात्रियों का इंतजार कर रहे थे। उम्मीद थी कि पहले रोज ही यात्रियों की जरूर भीड़ देखने को मिलेगी, लेकिन यात्री कम और पुलिस और निगम के कर्मचारियों की ही भीड़ नजर अाई। दोपहर तक करीब 11 बस रूटों पर बसें भेजी गईं, जिनमें महज पैंतीस यात्रियों ने सफर किया।
हमीरपुर रूट पर भेजी गई बस में एक यात्री बस अड्डे से सवार हुआ जबकि कांगड़ा के लिए भेजी गई बस में सात यात्री बैठे। अधिकांश बस रूट खाली थी, जिनमें इक्का-दुक्का यात्री बैठे थे। बस अड्डे पर यात्रा के लिए पहुंचने वाले लोगों में कुछ मजबूरी में लोग जरूरी कार्यों लिए पहुंचे हुए थे जबकि कुछ लोग अस्पताल में उपचार के सिलसिले में आए थे। वे अपने घरों के लिए वापस जा रहे थे।
आम बाजार में खरीदारी करने के मकसद से भी अधिक यात्री नहीं पहुंच पाए। बस अड्डे पर भी अधिकांश दुकानदारों द्वारा दुकानें बंद की गई थीं। कुछ दुकानें खुली थीं उनसे भी उपायुक्त संदीप कुमार ने कारोबार की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।