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बच्चों के नाटक से लोगों के फूले हाथ-पांव, पुलिस भी सकते में

दो भाईयों ने अपने ही अपहरण की साजिश रचकर पुलिस और परिजनों को सकते में डाल दिया दरअसल दोनों की स्‍कूल बस छूट गयी थी इसके बाद दाेनाें ने इसे नाटकीय रूप दे दिया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 09:08 AM (IST)
बच्चों के नाटक से लोगों के फूले हाथ-पांव, पुलिस भी सकते में
बच्चों के नाटक से लोगों के फूले हाथ-पांव, पुलिस भी सकते में

गगरेट, अविनाश विद्रोही। प्राथमिक स्कूल के बच्चों ने अपने ही अपहरण का नाटक करके परिजनों और पुलिस को सकते में डाल दिया। क्षेत्र में पहले से ही बच्चा चोर गिरोह की दहशत है और ऊपर से इस तरह बच्चों के नाटक से लोगों के कुछ पल के लिए हाथ-पांव फूल गए। मामला कुछ यूं हुआ कि गांव अंबोटा के दो सगे भाई गांव दियोली के एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। एक भाई कक्षा पांचवीं व दूसरा तीसरी कक्षा में पढ़ता है। मंगलवार सुबह इनकी स्कूल की बस किसी वजह से निकल गई। उन्होंने किसी निजी गाड़ी में लिफ्ट ले ली । उसके बाद इन बच्चों ने पूरे मामले को एक नाटकीय रूप दे दिया। बच्चों ने बताया कि एक बिना नंबर की गाड़ी में चार-पांच लोग थे, उन्हें जबरन गाड़ी में बिठाया और अपहरण करके अपने साथ ले गए। इस दौरान कुछ नशीला पाउडर सूंघा दिया । वहां से कुछ दूरी पर दौलतपुर बाजार में एक ढाबे पर रुके और खाना खाने लगे तो इन्हें होश आया और बदमाशों के चंगुल से भाग निकले।

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मामला पुलिस में पहुंचने पर इन बच्चों का मेडिकल करवाया गया जिसमें इन्हें किसी भी तरह का कोई नशीला पदार्थ न देने की पुष्टि हुई। उसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी देखी, जिसमें उस समय कोई भी बिना नंबर की गाड़ी उस रास्ते से नहीं गुजरी हुई थी। उसके बाद बच्चों सहित उस ढाबे पर भी पूछताछ की जिसका जिक्र बच्चे कर रहे थे लेकिन वहां पर भी ढाबा संचालक ने ऐसे किसी भी ग्राहक के आने से मना कर दिया। पुलिस ने गंभीरता से जांच की क्योंकि क्षेत्र में पहले से ही दहशत का माहौल है । पुलिस फिर उन बच्चों को  स्कूल ले गई। थाना प्रभारी गगरेट ने अध्यापकों से बच्चों से पूछताछ करने को कहा। इसके बाद बच्चों ने स्कूल अध्यापिका के पास यह खुलासा किया कि वे एक निजी बस से आए और स्कूल से आगे शनि मंदिर जाकर उतर गए । वहां एक दुकानदार से दस रुपये लिए और वापस आ गए । अध्यापिका ने बताया कि ये बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। इस बारे में अभिभावकों से भी कई बार बात करने की कोशिश की गई।

बच्चों की जांच करने पर पाया गया कि उन्हें किसी भी तरह का कोई नशीला पदार्थ नहीं दिया गया है ।

-डॉक्टर महेश्वर, सिविल अस्पताल गगरेट।

बच्चों द्वारा बताई गई कहानी के अनुसार पुलिस ने सभी पहलुओं की जांच की लेकिन सभी बातें झूठी पाई गई।

-हरनाम, थाना प्रभारी गगरेट।

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