विभागों के फेर में उलझी दियोली सभा की जांच
दियोली सहकारी सभा जांच दिन-प्रतिदिन विभागों के फेर में उलझती जा रही है।
अविनाश विद्रोही, गगरेट
दियोली सहकारी सभा जांच दिन-प्रतिदिन विभागों के फेर में उलझती जा रही है। पुलिस ने एक बार फिर से रिकॉर्ड जब्त करके कार्रवाई शुरू कर दी है जबकि इससे पहले विशेष जांच में ऑडिटर की गलती सामने आई थी। इसके चलते सहकारिता विभाग ने सभा का विशेष ऑडिट करने के लिए दो अधिकारी नियुक्त किए हैं जो सभा में हुए गबन की जांच कर रहे हैं।
इसी बीच बीते दिनों पुलिस कप्तान ने दो पुलिस अधिकारियो को इस जांच से हटाकर सबको हैरानी में डाल दिया। पहले गठित पुलिस विशेष जांच दल ने सभा की ऑडिट रिपोर्ट में गलती निकाल दी थी जो कि इस मामले में एफआइआर का आधार बनी थी। लेकिन जब एफआइआर का आधार ही गलत था तो ऐसे में पुलिस कैसे किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती थी, यही एकमात्र कारण इस जांच का आगे न बढ़ने का था।
सहकारिता विभाग पुलिस की जांच के बाद से सभा का दोबारा ऑडिट कर रहा है। इस ऑडिट के बाद ही सभा में हुए गबन का सही पता चलेगा। उसके बाद नई रिपोर्ट एफआइआर का आधार बनेगी। ऐसे में विशेष जांच दल को सहकारिता विभाग की रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। क्या है पूरा मामला
दियोली सहकारी सभा मे चुनाव के बाद नई कमेटी गठित हुई जिसने सहकारिता विभाग को सभा मे पैसे न होने की बात की ओर खाताधारकों को अमानत लौटने में असमर्थता दिखाई । उसके बाद सहकारिता विभाग ने सभा का ऑडिट करवाया जिसमे सभा मे गबन 11 करोड़ 70 लाख बताया गया। सहकारिता विभाग ने उस ऑडिट के आधार पर पुलिस में शिकायत दी । पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सभा ही मात्र साढ़े आठ करोड़ के लगभग है तो 11 करोड़ 70 लाख का गबन कैसे हुआ । इस बात को सहकारिता विभाग ने मानते हुए सभा का विशेष ऑडिट शुरू किया जो कि 30 नबम्बर को अपनी फाइनल रिपोर्ट देगा तब जाकर स्थिति साफ होगी कि सभा का गबन कितना है। सहायक ऑडिटर रामपाल ने कहा कि सभा का विशेष ऑडिट किया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट हम 30 नवंबर को सहकारिता विभाग को सौंपेंगे। सभा का रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। नई टीम जांच में जुट गई है। पहले जो जांच हुई है, पुलिस उसे भी साथ लेकर चलेगी। जल्द ही पूरी जांच कर ली जाएगी।
-सृष्टि पांडे, डीएसपी अम्ब।