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चिंतपूर्णी में पेयजल योजनाओं पर खर्च होंगे 47.22 करोड़

आने वाले समय में चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र की जनता को पेयजल की समस्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:22 AM (IST)
चिंतपूर्णी में पेयजल योजनाओं पर खर्च होंगे 47.22 करोड़
चिंतपूर्णी में पेयजल योजनाओं पर खर्च होंगे 47.22 करोड़

नीरज पराशर, चिंतपूर्णी

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आने वाले समय में चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र की जनता को पेयजल की समस्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश सरकार, जल जीवन मिशन और एशियन डेवलपमेंट बैंक के सौजन्य से पेयजल परियोजनाओं के निर्माण, सिचाई, मरम्मत व रखरखाव पर 47.22 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कुछ योजनाओं का काम भी शुरू हो चुका है। कई की डीपीआर बनकर तैयार है। वहीं खेतों में सिचाई सुविधा पहुंचाने के लिए भी विभाग ने योजना तैयार की है। वर्ष 2000 से पहले बनी पेयजल परियोजनाओं के जीर्णोद्धार के लिए एडीबी मदद करेगा।

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धार क्षेत्र में पेयजल समस्या का स्थायी समाधान

धार क्षेत्र के धर्मसाल महंता, गिडपुर मलौण, घंगरेट, आरनवाल, गुरेट, कुहाड़छन्न, भटेहड़, किन्नू, सिद्ध चलेहड़, अलोह आदि गांवों में पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। धर्मसाल महंता में 2.49 करोड़ की लागत से उठाऊ पेयजल परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कुछ महीने बाद इस स्कीम के चालू होने से तीन गांवों में पेयजल सप्लाई सुचारू होगी। वहीं किन्नू से लेकर घेवट बेहड़ तक के गांवों के लिए 2.59 करोड़ की पेयजल योजना सरकार द्वारा स्वीकृत कर ली गई है। इस योजना के लिए आइपीएच विभाग शीघ्र ही टेंडर आमंत्रित करने वाला है। इसके अलावा नैहरी-नौरंगा और सलाणा-मसलाणा के लिए विभाग 3.14 करोड़ खर्च करने जा रहा है। परम्ब-सलोई और अलेहड़ आदि गांवों के लिए 1.50 करोड़ रुपये की योजना बनकर तैयार हो चुकी है।

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एशियन डेवलपमेंट बैंक देगा पांच करोड़ रुपये

एडीबी 20 वर्ष पुरानी पेयजल परियोजनाओं की मरम्मत व रखरखाव के लिए पांच करोड़ रुपये विभाग को देगा। योजना के तहत गिडपुर मलौण, भरवाई-समनोली, कुहाड़छन्न, आरनवाल, गुरेट और भरोबड़ की पांच पेयजल परियोजनाओं का चयन किया गया है। पोलियां पुरोहितां पंचायत के गथलून में बनी उठाऊ पेयजल योजना को इसी स्कीम के तहत भरोबड़ से जोड़ा जाएगा।

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जल जीवन मिशन के तहत नौ पेयजल परियोजनाओं का होगा कायाकल्प

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के तहत क्षेत्र की नौ पेयजल परियोजनाओं का कायाकल्प होगा। अकेले जल जीवन मिशन के तहत ही चितपूर्णी क्षेत्र में 26 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है।

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पांच बांधों से दी जाएगी खेतों को सिचाई सुविधा

चितपूर्णी क्षेत्र में बने पांच बांधों को भी उपयोग में लाने की आइपीएच विभाग की योजना है। सूरी पलोह, सूरी-रिपोह, जवार खड्ड पर एक और घुम्मण (कलरूही) खड्ड पर बने दो बांधों में बारिश से एकत्रित होने वाले पानी को लिफ्ट करके किसानों के खेतों में पहुंचाया जाएगा। विभाग ने साढ़े छह करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है।

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पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए विभाग गंभीर है। पुरानी स्कीमों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। क्षेत्र के लिए नई पेयजल परियोजनाओं पर भी काम चला हुआ या चलने वाला है। कुछ परियोजनाएं अगले वर्ष गर्मी के मौसम से पहले ही संचालित हो जाएंगी, जिससे क्षेत्र में पेयजल की कमी नहीं रहेगी।

-पंकज कुमार धीमान, सहायक अभियंता, आइपीएच विभाग।


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