उपाध्यक्ष का चुनाव तीन दिन के लिए स्थगित
नगर पंचायत अम्ब के उपाध्यक्ष पद का चुनाव भाजपा खेमे से जीतकर आए पार्षदों में आपसी सहमति न बन पाने की वजह से अगले तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।
संवाद सहयोगी, अम्ब : नगर पंचायत अम्ब के उपाध्यक्ष पद का चुनाव भाजपा खेमे से जीतकर आए पार्षदों में आपसी सहमति न बन पाने की वजह से अगले तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। शुक्रवार को तय समय के अनुसार नौ में से आठ पार्षद एसडीएम के कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे जबकि वार्ड नौ से पार्षद इंदु बाला के कोरोना संक्रमित होने की वजह से वह इसमें भाग नहीं ले पाई।
शुक्रवार को उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कांग्रेस खेमे के सभी पार्षद आश्वस्त थे। भाजपा के पार्षद शपथ लेने के बाद आपसी सहमति बनाने के लिए कार्यालय से बाहर गए, लेकिन भाजपा पार्षदों में आपसी सहमति न बनने के कारण वह दोबारा चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए वापस ही नहीं लौटे। करीब दो घंटे तक इंतजार करने के बाद आखिरकार एसडीएम अम्ब मनेश यादव ने चुनाव को तीन दिन के लिए टाल दिया।
बड़ी बात यह भी है कि भाजपा खेमे से उपाध्यक्ष पद के लिए तीन पार्षद दौड़ में हैं। भाजपा ने ही कोई एक नाम अपने खेमे के पार्षदों पर थोपने के बजाय उन पर ही यह निर्णय छोड़ दिया था, लेकिन शुक्रवार को शपथ ग्रहण के बाद भी पार्षदों में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए भाजपा खेमे के पार्षदों ने इस चुनाव से हाथ खींच लिए।
उधर, कांग्रेस खेमे के पार्षदों सहित निर्दलीय पार्षद भी कार्यालय में भाजपा के पार्षदों इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें बाद में पता चला कि भाजपा पार्षदों में आपसी सहमति न बनने के कारण यह चुनाव तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।
नगर पंचायत का अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने के चलते वार्ड नंबर नौ से जीतकर आई एकमात्र अनुसूचित जाति संबंधित महिला इंदु बाला पहले ही इस पर अपना कब्जा कर चुकी हैं।
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भाजपा के सात पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं, जिसके चलते भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है। कांग्रेस ने इस चुनाव को प्रभावित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए और पार्षदों पर दवाब की डालने की राजनीति की है। उपाध्यक्ष के पद पर भाजपा का उम्मीदवार ही काबिज होगा।
-बलबीर सिंह, विधायक चितपूर्णी
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कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है। कांग्रेस की तरफ अपने पार्षदों की सहमति से उपाध्यक्ष पद के लिए एक नाम दिया गया है। इस पद पर उनकी जीत होना निश्चित है। भाजपा के पास बहुमत नहीं है, इसलिए उनके पार्षदों शपथ ग्रहण के बाद चुनाव प्रक्रिया से भाग खड़े हुए हैं।
-कुलदीप कुमार, पूर्व मंत्री कांग्रेस।