मोबाइल संदेश भेजकर पैसे कमाने का झांसा दे ठगे 40 करोड़
ऊना में मोबाइल संदेश भेजकर पैसे कमाने के मामले में 40 करोड़ रुपये की ठगी मामले में पुलिस ने तीन आरोपित संचालकों को गिरफ्तार कर लिया है।
ऊना, जेएनएन। मोबाइल संदेश भेजकर पैसे कमाने का झांसा देकर दो सौ से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला 2 सिंतबर, 2018 को सामने आया था। जब लोगों के पैसे दोगुने नहीं हुए तो इस जालसाजी का पता चला। इसके बाद लोग ऊना स्थित कंपनी के कार्यालय में चक्कर काटने लगे लेकिन कंपनी के संचालक हर बार उन्हें टाल देते थे। इसके बाद लोगों ने पुलिस में शिकायत दी।
जब पुलिस ने जांच शुरू की तो मामले की परतें खुलती गई। इससे पहले की पुलिस कंपनी के कार्यालय में दबिश देते, आरोपित कंपनी संचालक भाग चुके थे। पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने के लिए एसआटी का गठन किया।
टीमों ने हरियाणा समेत अन्य राज्यों में दबिश दी लेकिन आरोपित हर बार पुलिस को चकमा देकर भाग निकलते थे। इसके बाद आरोपितों के नोएडा व गुरुग्राम में छिपे होने की सूचना मिली। पुलिस टीमों ने बिना देर किए संभावित ठिकानों पर दबिश देकर तीनों आरोपितों को काबू कर लिया।
ऐसे करते थे ठगी
कंपनी ने ऊना में अपना कार्यालय खोला था। लोगों को मोबाइल संदेश भेजकर पैसे कमाने का प्रलोभन देकर अपने जाल में फांसा। इस धोखाधड़ी का शिकार ऊना समेत आसपास के इलाकों के लोग भी हुए। कंपनी में शामिल होने के लिए लोगों से तीन हजार रुपये की प्रति आइडी फीस लेते थे। लोगों से कहा जाता था कि आप लोगों को अधिक से मोबाइल संदेश भेजकर कंपनी के साथ अन्य लोग जोड़ने होंगे। एक तरह से चेन बनानी होगी। इसके बदले में आपके पैसे छह महीने में दोगुना हो जाएंगे। दो सौ से अधिक लोग कंपनी के झांसे में आ गए और पैसे कमाने के चक्कर में करीब 40 करोड़ रुपये गंवा बैठे। जब लोगों के पैसे दोगुने नहीं हुए तो उन्हें अपने साथ ही धोखाधड़ी का पता चला। इसके बाद लोग पुलिस के पास पहुंचे। साथ ही कंपनी के कार्यालय के चक्कर काटने लगे। जब मामला बढ़ गया तो कंपनी के संचालक भाग निकला।
कंपनी के तीन आरोपित संचालकों को गिरफ्तार कर लिया है जिन्हें कोर्ट में पेशकर पुलिस रिमांड पर लिया है। आरोपितों से पूछताछ की जा रही है ताकि इनके सरगना प्रवीण कुमार उर्फ मोहित को भी पकड़ा जा सके।दिवाकर शर्मा, पुलिस अधीक्षक ऊना
धर्मशाला के तहसीलदार के खाते से 50 हजार साफ
धर्मशाला के तहसीलदार संजीव कुमार ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं। 28 दिसंबर को एक व्यक्ति ने उन्हें बैंक का प्रबंधक बताकर नया चिप एटीएम कार्ड जारी करने के लिए ब्योरा मांगा। तहसीलदार के अनुसार पहले वे ठग की ओर से मांगी गई जानकारी देते रहे लेकिन जब शक हुआ तो तुरंत फोन काटकर संबंधित बैंक पहुंचे लेकिन तब तक खाते से 50 हजार रुपये निकाले जा चुके थे।
संबंधित बैंक के अधिकारियों ने तहसीलदार के खाते को बंद कर दिया है। संजीव कुमार ने बताया कि ठग ने इसके बाद पत्नी व बेटी को भी फोन किया और उनसे भी एटीएम संबंधी ब्योरा मांगा, लेकिन उन्होंने जानकारी नहीं दी। तहसीलदार ने बताया कि ठग ने उन्हें बैंक का प्रबंधक होने का हवाला दिया था। उन्होंने बताया कि फोन कोलकाता से आया था। तहसीलदार के अनुसार, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की लिमिट होनी चाहिए। उन्होंने
बताया कि 28 दिसंबर के बाद 29 को भी ठग का फोन आया था लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। तहसीलदार ने कहा कि इस संबंध में वे साइबर सेल में ऑनलाइन शिकायत करेंगे।