मोबाइल प्रेम ने 30 यात्रियों की जान को खतरे में डाल दिया
हम लोग मोबाइल फोन के कितने आदी हो गए हैं कि कुछ समय के लिए मोबाइल फोन की घंटी न बजे तो इतने बेचैन हो जाते हैं, जैसे कोई बहुमूल्य वस्तु कहीं खो गई हो।
ऊना, सतीश चंदन। यातायात नियमों का उल्लंघन कर हम खुद मुसीबत को दावत दे रहे हैं। नियम कायदों को तोड़कर हम खुद के साथ-साथ औरों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं। पंडोगा में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस के खड़े ट्रक से टकराने के पीछे भी नियमों का उल्लंघन ही मुख्य कारण रहा। बस में सवार यात्रियों के अनुसार चालक बस चलाते समय मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। उसकी इस लापरवाही ने दो जिंदगियों को खतरे में डाल दिया है।
हम लोग मोबाइल फोन के कितने आदी हो गए हैं कि कुछ समय के लिए मोबाइल फोन की घंटी न बजे तो इतने बेचैन हो जाते हैं, जैसे कोई बहुमूल्य वस्तु कहीं खो गई हो। ऊना जिला में वाहन चलाते समय मोबाइल फोन सुनना जैसे फैशन का एक अहम अंग बन चुका हैं। इसकी कीमत चाहे जान के रूप में ही क्यों न चुकानी पड़े। ऊना जिला के पंडोगा की घटना तो महज एक ट्रेलर है जिसका खामियाजा बस में सवार 30 लोगों को भुगतना पड़ा।
हैरत का विषय यह है कि बस का चालक मोबाइल फोन पर इतना व्यस्त था कि उसे इस बात का भी ख्याल नहीं आया कि बस में यात्री हैं जिनकी सुरक्षा उस पर निर्भर करती है। बस में सवार यात्री रोने-चिल्लाने लगे अब तो मोबाइल फोन बंद कर दो। तब जाकर बस के चालक का मोबाइल प्रेम हटा, लेकिन तब तक बस में सवार यात्रियों के अलावा बस का परिचालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। बताना जरूरी है कि जिला पुलिस हर वाहन चालक चाहे दोपहिया, चौपहिया हो, उनको समय-समय जागरूक करती है कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग कभी मत करो। पुलिस यातायात नियम तोडऩे वालों के चालान भी करती है लेकिन लोग हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं।
इस बारे में पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने कहा कि पुलिस वाहन चलाते समय मोबाइल फोन सुनने वाले बिगड़ैल वाहन चालकों के चालान काटती है। लेकिन फिर भी कई वाहन चालक इसकी परवाह नहीं करते, जिसका खामियाजा उनके साथ ही लोगों को भी भुगतना पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी बस के चालक ने नियम तोड़े जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस मामले में केस दर्ज जांच शुरूकर दी है। आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।