विश्व शांति का संदेश देने साउथ कोरिया से आया शांतिदूत
साउथ कोरिया निवासी ली बॉन यंग विश्व शांति के लिए यात्रा पर निकले हैं।
संवाद सहयोगी, गगरेट : साउथ कोरिया निवासी ली बॉन यंग विश्व शांति के लिए यात्रा पर निकले हैं। वह दुनिया को भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। इसी यात्रा के पड़ाव में वह विश्व के शांतिदूत एवं तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाईलामा से 25 फरवरी को धर्मशाला में मुलाकात करेंगे। धर्मगुरु से वह विश्व शांति पर चर्चा कर उनका सहयोग मांगेंगे।
ली बॉन यंग पैदल यात्रा के दौरान वीरवार को गगरेट से गुजरे। यंग ने बताया कि वह वर्ष 2011 में जापान के फुकुशिमा में न्यूक्लियर पावर प्लांट में दुर्घटना से वह बेहद आहत थे। वह प्रोफेसर हैं और स्वयंसेवी संस्था नो न्यूक्स के निदेशक हैं। न्यू सिल्क रोड फॉर लाइफ एंड नो न्यूक्स के तहत दो साल से विश्व के 30 देशों में हवाई-रेल व पैदल यात्रा सहित लगभग 9000 किलोमीटर की यात्रा पर हैं। उनकी शांति के संदेश की यात्रा अप्रैल, 2020 में पूरी होगी। लगभग 450 न्यूक्लियर पावर प्लांट विश्वभर में हैं। इस प्लांट से पैदा होने वाला प्रदूषण वातावरण को दूषित कर रहा है। प्रकृति के चक्र में बेहद गंभीर बदलाव कर रहा है। यह मानवीय जीवन के लिए बेहद खतरनाक साबित होने वाला है।
कुदरत से खिलवाड़ ठीक नहीं
ली बॉन यंग ने कहा मानवीय मूल्यों को दरकिनार करके मानव कुदरत के दोहन में इतना मशगूल हो गया है कि भूल रहा है कि इससे खिलवाड़ हमेशा खतरनाक नतीजे सामने लाता है। इस विषय पर यूनाइटेड नेशन और इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी अपनी भूमिका अदा करने में फेल हो गई है। इसी विषय को लेकर विश्वस्तरीय जागरूकता का अभाव है। हमारी कोशिश इन्हें रोकने में शायद कामयाब न हो, लेकिन इससे इन्हें कम किया जा सकता है। यूएन के चार्टर फॉर नेचर 1982 के तहत पहली से लेकर सात तक आर्टिकल का यदि सही ढंग से पालन हो तो विश्व आने वाले भयंकर खतरे से संभल जाएगा।