अर्धसैनिक बलों के वीरों को मिले शहीद का दर्जा
भूतपूर्व अर्धसैनिक कल्याण संघ के अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश पूर्व समन्वय पूर्व डीआइजी वीके शर्मा ने संघ के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। वीरवार को आनलाइन बैठक में अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की चिरलंबित मांगों पर चर्चा की गई। साथ ही समस्याओं की राज्य और केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा करने पर रोष व्यक्त किया गया। संघ के पदाधिकारियों ने उनकी मांगों के समर्थन में निकट भविष्य में शिमला और कांगड़ा में एक और रैली आयोजित करने का निर्णय लिया।
संवाद सहयोगी, अम्ब : भूतपूर्व अर्धसैनिक कल्याण संघ के अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश पूर्व समन्वय पूर्व डीआइजी वीके शर्मा ने संघ के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। वीरवार को आनलाइन बैठक में अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की चिरलंबित मांगों पर चर्चा की गई। साथ ही समस्याओं की राज्य और केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा करने पर रोष व्यक्त किया गया। संघ के पदाधिकारियों ने उनकी मांगों के समर्थन में निकट भविष्य में शिमला और कांगड़ा में एक और रैली आयोजित करने का निर्णय लिया।
पूर्व डीआइजी वीके शर्मा ने कहा कि अर्धसैनिक बल बहादुर सैनिक हैं और वो अपनी संवैधानिक मान्यता चाहते हैं जो उनका कानूनी अधिकार भी है। उन्होंने पूर्व अर्धसैनिक कर्मियों की मांग उठाते हुए कहा कि उनका भी हरियाणा की तर्ज पर सभी जिलों और राज्य स्तर पर भूतपूर्व अर्धसैनिक राज्य कल्याण बोर्ड का गठन हो। अर्धसैनिक बलों के जवानों को सेना के बराबर पूर्व सेवा का दर्जा दिया जाए। अर्धसैनिक बलों के वीरों को शहीद का दर्जा मिले और उनके परिवारों को सेना के समान सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं। सीएपीएफ को जीएसटी के राज्य हिस्से में छूट देना और इसी तरह की छूट के लिए मामले को राष्ट्रीय जीएसटी बैठक में उठाना, राज्य में कर्मियों को वितरण के लिए सभी क्षेत्रों में सरकार द्वारा अधिकृत शराब व मोबाइल कैंटीन सेवाओं की मुफ्त आवाजाही की अनुमति दें। साथ ही राज्य परिपथों व अतिथि गृहों में संघ के अध्यक्ष एवं अन्य रैंक धारकों को उनके कल्याणकारी सभा आंदोलनों के दौरान रियायत देना, हरियाणा की तर्ज पर सभी पूर्व अर्धसैनिक बलों के जवानों और उनकी पत्नी को हाउस टैक्स से छूट के अलावा उन्हें सेना की तर्ज पर संघ के पूर्व और सेवारत सशस्त्र बलों को टोल टैक्स में छूट दिए जाने की मांग दोहराई है।