शारीरिक दूरी नजर अंदाज, चेहरे से गायब दिखे मास्क
कोरोना कर्फ्यू में और दी गई ढील के बाद शुक्रवार को मंदिर खुल
बृजमोहन कालिया, चितपूर्णी
कोरोना कर्फ्यू में और दी गई ढील के बाद शुक्रवार को मंदिर खुलने के दूसरे दिन माता के दरबार में श्रद्धालुओं का सुबह आठ बजे से पहुंचना शुरू हो गया। शाम तक करीब...ने मां के दर्शन किए। सुबह मां के दर्शन के लिए लगी कतारें मुख्य बाजार तक पहुंच गई। पहले मां के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु शारीरिक दूरी के नियम को दरकिनार कर गए। कुछ मास्क की अनिवार्यता भूल गए। पुलिस नियमों का पालन करवाने के लिए श्रद्धालुओं के बीच पहुंच कर उन्हें समझाती रही लेकिन मां के दर्शन के लिए आतुर भीड़ सुरक्षा चक्र को तोड़ गई।
चिंतपूर्णी में शुक्रवार को यही हाल बाजार में देखने भी देखने को मिला। काफी श्रद्धालु बिना मास्क के घूमते रहे। लापरवाह श्रद्धालुओं पर पुलिस ने बराबर नजर रखी थी और बाजार पहुंची। बिना मास्क के घूम रहे श्रद्धालुओं के चालान भी काटे गए।
मंदिर के निकासी द्वार गेट नंबर तीन के पास मेन रोड पर लगा जाम
लिफ्ट मार्ग के पास सुबह के समय लगे जाम से जहां स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को भी असुविधा हुई। जाम से दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गई। इससे प्रशासन व पुलिस की तरफ से किए गए दावों की पोल भी खुली है। जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई गई। हालांकि जब स्थिति विकट हुई तो पुलिस थाना से पहुंचे जवानों ने जाम खुलवाया लेकिन तब तक श्रद्वालुओं को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। होना तो यह चाहिए था कि मंदिर मार्ग पर जरुरी वाहनों के अलावा अन्य वाहनों को निर्धारित जगहों पर खड़े करना चाहिए था। लेकिन ऐसे इंतजाम धरे के धरे रह गए।
भिखारियों ने किया श्रद्धालुओं को परेशान
मंदिर के मुख्य बाजार से लेकर निकासी बाजार पर जगह-जगह भिखारियों की टोलियां श्रद्धालुओं को तंग करती रहीं। पार्किंग स्थलों के आसपास भी यह भिखारी सक्रिय रहे।
शंभू वैरियर के पास दिखी रौनक
मंदिर के नजदीक तलवाड़ा बाईपास पर भी पूरा दिन श्रद्धालुओं की चहल पहल रही। यहां तलवाड़ा, पठानकोट, अमृतसर की तरफ से काफी श्रद्धालु वाहनों द्वारा पहुंचते हैं लेकिन लाकडाउन के चलते यह मार्ग वीरान पड़ा था। अब मंदिर खुलने के साथ यहां पर फिर से रौनक होने लग गई है।
व्यवसायों में फिर आ रही रंगत
मंदिर खुलने के साथ यहां के दुकानदारों के चेहरे भी खिल गए हैं। चितपूर्णी का बाजार मंदिर पर निर्भर होने के कारण मंदिर बंद होने पर ज्यादातर दुकानें बंद ही थीं। कर्फ्यू में ढील के बाद प्रदेश में दुकानें खुल रही थी लेकिन चितपूर्णी में मंदिर बंद होने के कारण यहां दुकानें बंद ही रही। अब मंदिर खुल जाने के कारण फिर से दुकानदारों का काम पटरी पर आने लगा है।
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होमगार्ड्स पर दर्शन करवाने का जिम्मा
चितपूर्णी में दर्शन पर्ची बांटने से लेकर चेकिग और पंक्ति व्यवस्था का जिम्मा होमगार्ड्स पर है। मंदिर में भी होमगार्ड्स के जवान ही व्यवस्था बनाने के लिए नियुक्त किए हुए हैं। लिफ्ट पर भी व्यवस्था का ज्मि्मा होमगार्ड्स का ही है। विभिन्न जगहों पर शिफ्ट वाइज होमगार्ड डयूटी दे रहे हैं। प्लाटून कमांडर मोहिदर सिंह ने बताया कि वर्तमान में 49 होमगार्ड्स शिफ्ट वाइज डयूटी दे रहे हैं। लाकडाउन से पहले यह आंकड़ा 89 था। कुछ होमगार्ड चंबा से आएं। व्यवस्था को और मजबूत करेंगे।
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चितपूर्णी में कोविड नियमों की पालना कराने को लेकर सख्त हिदायतें दी गई हैं। यदि वहां पहुंच रहे श्रद्वालु नियमों का पालन नहीं कर रहे तो उनके चालान किए जाएंगे। वाहनों को ऊपर मंदिर तक क्यों भेजा गया, इसके बारे में उचित निर्देश दिए जाएंगे ताकि किसी भी श्रद्वालु को परेशानी ना हो सके।
राघव शर्मा, उपायुक्त ऊना