ल्यूमिनस उद्योग में खूनी झड़प के बाद दहशत
ल्युमिनस उद्योग में कामगार व ट्रक यूनियन में खूनी झड़प से लोगों में दहशत का माहौल है।
संवाद सहयोगी, गगरेट : ल्युमिनस उद्योग में कामगार व ट्रक यूनियन में खूनी झड़प से लोगों में दहशत का माहौल है। घटना के लिए कौन जिम्मेदार है यह बड़ा सवाल है। दरअसल घटना की पटकथा तीन माह पहले लिखी जा चुकी थी। उद्योग में कामगारों ने यूनियन का गठन किया। लेकिन उद्योग प्रबंधन नहीं चाहता था किसी तरह का संगठन बने। इस पर उद्योग प्रबंधन ने 12 कामगारों का तमिलनाडू तबादला कर दिया। लेकिन वे वहां नहीं जाना चाहते थे। तबादले रोकने के लिए कामगार लगातार उद्योग प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन, विधायक व उद्योग मंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाई। लेकिन सभी ने आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं किया। उद्योग प्रबंधन ने अचानक उत्पादन कम कर दिया। इसका असर ट्रक यूनियन पर भी पड़ा। कामगार यूनियन का आरोप है उद्योग प्रबंधन ने ट्रक यूनियन से कामगारों को पिटवाया है।
प्रशासनिक लापरवाही से हुई झड़प
कामगारों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मामले को सुलझाने के लिए निवेदन किया। लेकिन किसी भी अधिकारी ने कामगारों व उद्योग प्रबंधन की लड़ाई को समाप्त करने की पहल नही की। कामगार यूनियन ने विधायक राजेश ठाकुर को भी समस्या से अवगत करवाया था। लेकिन वह भी कुछ नहीं कर पाए। कामगारों का प्रतिनिधिमंडल उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर से भी मिला था। लेकिन उन्होंने भी कोई बात नहीं सुनी। आरोप लगाया प्रशासन की लापरवाही से ही खूनी झड़प हुई है।
खूनी झड़प का वीडियो वायरल
दिनभर सोशल मीडिया पर खूनी झड़प के अलग-अलग वीडियो वायरल होते रहे। एक वीडियो में दिख रहा है ट्रक यूनियन के सदस्य अचानक आए और कामगारों को पीटने लगे।
देर रात तक होती रही नारेबाजी
ल्यूमिनस उद्योग में देर रात तक स्थानीय प्रशासन, उद्योग प्रबंधन व सरकार के विरुद्ध नारेबाजी होती रही। जिला प्रशासन ने उद्योग के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया था। कामगारों ने अंदर के गेट पर ताले लगाकर उद्योग प्रबंधन को बंधक बना लिया था। वे हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़े हुए थे। पुलिस प्रशासन ने उद्योग प्रबंधन को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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उद्योग के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
-सुनील वर्मा, एसडीएम अम्ब