खेतों की नहीं सड़कों की हो रही सिचाई
विभौर साहिब सिचाई परियोजना के पानी का सही प्रबंधन न होने के कारण यह परियोजना क्षेत्र के किसानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है।
संवाद सहयोगी, मैहतपुर : विभौर साहिब सिचाई परियोजना के पानी का सही प्रबंधन न होने के कारण यह परियोजना क्षेत्र के किसानों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। यह सभी जानते हैं कि जिस उद्देश्य से यह परियोजना बनाई गई थी, उस उद्देश्य को पूरा करने में यह परियोजना नाकाम रही है। क्योंकि यहां पानी तो है लेकिन वितरण का प्रबंधन बिलकुल भी सही साबित नहीं हो रहा। ऐसे में किसानों को इस सिंचाई परियोजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्षेत्र के किसानों ने कुछ समय पूर्व फसलों की बिजाई कर दी है और आजकल फसलों को सिचाई के लिए पानी की अत्यधिक जरूरत है। पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए जनशक्ति विभाग की तरफ से पानी दिया भी जा रहा है, लेकिन यह पानी की लीकेज के कारण सड़कों की सिचाई करने के बाद नालों में बेकार बहकर बर्बाद हो रहा है। इस कारण काफी ज्यादा मात्रा में पानी भटोली गांव के नाले से होकर फिर पंजाब में जा रहा है। इससे सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। काफी समय से चल रही इस समस्या का विभाग की ओर से कोई हल नहीं निकाला गया है।
क्षेत्र के लोगों में सतीश कुमार, सुरजीत सिंह, अशोक कुमार तथा राजेंद्र कुमार ने संबंधित विभाग से मांग की है कि पानी की लीकेज को बंद करवाकर फसलों को सिचाई के लिए उपलब्ध करवाया जाए। इस पानी से अनाज की पैदावार बढ़ाई जा सकती है।
उधर, इस संबंध में जल शक्ति विभाग के सहायक अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि विभौर साहिब परियोजना से पानी की लीकेज को बंद करवा दिया जाएगा।