एक सप्ताह के भीतर कामगारों को न्याय न मिला तो होगा आंदोलन
मैहतपुर का शराब उद्योग प्रबंधन कामगारों से अन्याय कर रहा है। जिस विभाग को श्रमिकों की रक्षा के लिए स्थापित किया गया है उस विभाग का निरीक्षक कामगारों की मदद करने की बजाय प्रबंधकों की हिमायत कर रहा है। यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। कामगारों से अन्याय करने वाली सरकार और मंत्री को त्यागपत्र दे देना चाहिए। यह बात उद्योग से निकाले गए कामगारों के साथ मुख्यालय पहुंचे ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा ने कही।
संवाद सहयोगी, ऊना : मैहतपुर का शराब उद्योग प्रबंधन कामगारों से अन्याय कर रहा है। जिस विभाग को श्रमिकों की रक्षा के लिए स्थापित किया गया है, उस विभाग का निरीक्षक कामगारों की मदद करने की बजाय प्रबंधकों की हिमायत कर रहा है। यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। कामगारों से अन्याय करने वाली सरकार और मंत्री को त्यागपत्र दे देना चाहिए। यह बात उद्योग से निकाले गए कामगारों के साथ मुख्यालय पहुंचे ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा ने कही।
वीरवार को बड़ी संख्या में यहां कामगारों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। कामगारों का समर्थन करते हुए विधायक ने अधिकारियों से भेंट की और कामगारों को न्याय दिलाने की मांग की। कामगारों का कहना है कि उक्त उद्योग में उन्हें 14 से 15 वर्ष हो गए हैं। पिछले छह माह से वेतन नहीं दिया गया। अन्य लाभों में वर्ष 2018 से एरियर नहीं दिया और बोनस तथा ओवरटाइम का पैसा भी नहीं दिया गया। अगर एक सप्ताह तक उद्योग प्रबंधन ने पैसा न दिया तो बच्चों सहित उद्योग के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे।
विधायक रायजादा ने कहा कि सरकार याद रखे कि जिस तरीके से मजदूरों व कामगारों का शोषण किया जा रहा है, आने वाले समय में जनता इसका माकूल जवाब देगी। एडीसी ऊना को ज्ञापन सौंपकर कामगारों की मांगों के बारे में अवगत कराया गया है। एक सप्ताह के अंदर अगर हल नहीं किया गया तो प्रदर्शन होगा। शिमला तक श्रमिकों के हक की लड़ाई लड़ी जाएगा। कामगारों व इंटक के पदाधिकारियों अमरीक सिंह, बलवीर चंद, तरसेम लाल, अवतार ने कहा कि उद्योग में श्रम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।