हिम ऊर्जा के खुलेंगे कॉल सेंटर, फोन पर मिलेगी सुविधा
हिम ऊर्जा के सौजन्य से अब कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे, यह सेंटर सोलर सिस्टम की खरीद और उससे संबंंधित सभी समस्याओं को सुनेगा।
ऊना, राजेश डढवाल। अब कंपनियों को सोलर सिस्टम लगाने के बाद समय-समय पर उपभोक्ताओं से फीडबैक लेनी होगी। इसके साथ ही गारंटी पीरियड व उसके बाद भी उपभोक्ता को पेश आनी वाली परेशानियों का हल कंपनियों को निकालना होगा। अब सोलर उपकरण निर्माण कंपनियां सिस्टम लगाने के बाद पेश आनी वाली तकनीकी दिक्कतों के लिए उपभोक्ता को उनके हाल पर नहीं छोड़ पाएंगी।
हिम ऊर्जा अब जिला मुख्यालय स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित करने जा रही है। इसके लिए हिम ऊर्जा की प्रबंधन इकाई ने हल खोज लिया है। हिम ऊर्जा के सौजन्य से जिला में कॉल सेंटर स्थापित होगा। यह सेंटर सोलर सिस्टम की खरीद और खरीद के बाद पेश आनी वाली सभी तरह की परेशानियों को सुनेगा। हिम ऊर्जा के केंद्रीय उच्च प्रबंधन ने इस काम को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द जिला सभी जिलों में कॉल सेंटर पर काम शुरू होगा।
इस तरह काम करेगा कॉल सेंटर
सोलर ऊर्जा के नुमाइंदे (पीओ) पर आधारित एक टीम जिसमें तमाम सोलर सिस्टम निर्माण कम्पनियों के नुमाइंदों को कॉल सेंटर में सेवाओं के लिए हायर किया जाएगा। जिनका काम उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के साथ उन्हें उपकरणों के सही रखरखाव को लेकर भी समय समय पर सलाह दी जाएगी।
पहले होगा सर्वे
हिम ऊर्जा द्वारा संचालित इस पूरे तामझाम को कार्यान्वित करने में हिम ऊर्जा के नुमाइंदे (पीओ) अग्रणी भूमिका में होंगे। पीओ तमाम पंचायतों में दौरा कर वहां लगे सोलर उपकरणों की स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिस कंपनी का उपकरण लगा होगा उन्हें चिह्नित कर उपकरणों की दुरुस्ती के लिए क्या कारगर हो सकता है इस पर मंथन होगा। इतना ही नहीं पंचायत प्रधानों से सोलर सिस्टम पर फीडबैक ली जाएगी। सभी बातों को ध्यान में रखकर सोलर सिस्टम को कैसे गति दी जाए, इस पर विचार होगा।
जानकारी के अभाव से फेल हो रही थी योजनाएं
जिला में कई सोलर उपकरण लगाए गए पर किसी न किसी वजह से वे चल नहीं पाए। जानकर मानते हैं कि उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी हिम ऊर्जा प्रोजेक्ट के आड़े आती रही है। कई बड़े उपकरण जिला में धूल फांक रहे हैं। जिलों में कॉल सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द ही जिलों को दो से तीन दिन तक इस संबंध में अधिसूचनाएं प्रेषित कर दी जाएंगी।
क्यों पड़ी जरूरत इन कॉल सेंटर्स की
ऐसा इसलिए करने की जरूरत पड़ी की हाल ही में कई मामलों में यह सामने आता रहा है कि एक दफा सिस्टम लगाने की बाद कंपनियां उपभोक्ताओं के प्रति लापरवाही भरा रवैया अपना रही है। इससे न केवल सोलर सिस्टम को आगे बढ़ाने की मुहिम को झटका लगा बल्कि जिलाभर में लगे सोलर सिस्टम में अधिकतर कबाड़ हो गए।
प्रदेश में घरेलू और व्यावसायिक रूप से भी सोलर सिस्टम से ऊर्जा पैदा की जा सके, यह हमारी प्राथमिकता है। इसे लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान अंडर वारंटी में ही खराब पड़े उपकरणों को चिह्नित कर इन्हें ठीक करने के प्रयास भी होंगे।
-केएल ठाकुर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर हिमऊर्जा