हिमाचल: ITBP जवान की हत्या के मामले में 4 साल बाद कोर्ट का फैसला, पिता-पुत्र सहित चार लोगों ने मारी थी गोली
हिमाचल प्रदेश में चार साल पहले आइटीबीपी जवान की हत्या के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पुरानी रंजिश के चलते पिता-पुत्र सहित चार लोगों ने जवान को ...और पढ़ें

आईटीबीपी जवान की हत्या के मामले में कोर्ट ने चार लोगों को दोषी ठहराया है। प्रतीकात्मक फोटो
संवाद सहयोगी, ऊना। हिमाचल प्रदेश जिला ऊना के नंगड़ा गांव में जमीन विवाद को लेकर आइटीबीपी जवान की हत्या के मामले में अदालत ने 4 साल बाद फैसला सुनाया है। अदालत ने मामले में चार लोगों को दोषी करार दिया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऊना राजिंद्र कुमार की अदालत ने शनिवार को इस मामले में अहम फैसला सुनाया। अदालत ने चारों दोषियों नंगड़ा गांव के ही जसवंत सिंह, उसके बेटे दिलप्रीत सिंह तथा अमरीक सिंह व गुरप्रीत सिंह को उम्रकैद के साथ-साथ जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
पहली अप्रैल 2021 को गोली मार कर दी थी हत्या
मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक ठाकुर भीषम चंद ने की, जो शिमला से पैरवी के लिए ऊना आते थे। यह जानकारी जिला न्यायवादी ऊना एकलव्य ने दी। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2021 को आइटीबीपी जवान विपिन कुमार पुत्र राम किशन निवासी नंगड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
गुरदयाल सिंह की शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई
शिकायतकर्ता गुरदयाल सिंह निवासी नंगड़ा ने बताया कि सुबह करीब साढ़े आठ बजे विपिन कुमार गांव में ही स्थित खेत में मजदूरों के माध्यम से गेहूं की कटाई कर रहा था। इसी दौरान गांव का ही जसवंत सिंह, उसका बेटा दिलप्रीत सिंह, अमरीक सिंह व गुरप्रीत सिंह जिप्सी में सवार होकर खेत में पहुंचे।
जिप्सी से उतरते ही आईटीबीपी जवान को मार दी गोली
जिप्सी से उतरते ही जसवंत ने 12 बोर बंदूक निकाली और विपिन को जान से मारने की धमकी देने लगा। इस पर जिप्सी में सवार अन्य तीनों भी उतरे और कहा यह जमीन हमारी है। इसी दौरान तीनों ने जसवंत से कहा कि विपिन को गोली मार दे। जसवंत ने आइटीबीपी जवान की छाती में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
30 गवाहों व सुबूतों के आधार पर दोषी करार
हत्या के आरोप में पुलिस चारों के विरुद्ध धारा 302, धारा 120बी व आर्म्स एक्ट 30 के तहत मामला दर्ज किया गया। अदालत में 30 गवाहों व सुबूतों के आधार पर चारों आरोपितों को दोषी करार दिया गया।
उम्रकैद की सजा व जुर्माना
अदालत ने जसवंत सिंह को धारा 302 के तहत उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, धारा 120 बी के तहत सात वर्ष की सजा व 20 हजार जुर्माना देना होगा। जुर्माना न देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आर्म्स एक्ट 30 के तहत छह माह की सजा व दो हजार रुपये देना होगा। जुर्माना न देने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अन्य तीन आरोपितों को भी उम्रकैद
अन्य आरोपितों दिलप्रीत सिंह, अमरीक सिंह व गुरप्रीत सिंह को धारा 302 के तहत उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। धारा 120 बी के तहत सात वर्ष कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

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