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निर्भय होकर करें दुर्घटना में घायल की मदद

सड़क दुर्घटनाओं के दौरान पीड़ितों की जान बचाने और उनकी मदद के लिए आगे आने वाले प्रत्यक्षदर्शियों और जिम्मेदार नागरिकों की व्यक्तिगत सुरक्षा तथा उनको प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:25 PM (IST)
निर्भय होकर करें दुर्घटना में घायल की मदद
निर्भय होकर करें दुर्घटना में घायल की मदद

जागरण संवाददाता, ऊना : सड़क दुर्घटनाओं के दौरान पीड़ितों की जान बचाने और उनकी मदद के लिए आगे आने वाले प्रत्यक्षदर्शियों और जिम्मेदार नागरिकों की व्यक्तिगत सुरक्षा तथा उनको प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए आरटीओ रमेश चंद कटोच ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा जागरूकता एवं निरीक्षण अभियान के अंतर्गत ट्रक यूनियन मैहतपुर में एक कार्यशाला में दी।

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उन्होंने बताया कि ने बताया कि कानूनी दावपेंच से बचने के लिए अक्सर सड़क दुर्घटना के दौरान प्रत्यक्षदर्शी घायल की मदद करने को आगे नहीं आते जिसकी वजह से घायल की समय पर मदद नहीं हो पाती। लेकिन यह अधिसूचना दुर्घटना के दौरान मानवता का परिचय देने वालों का संरक्षण ही नहीं करती बल्कि ऐसे नेक नागरिक को प्रोत्साहित भी करती है।

मददगार किसी सिविल या आपराधिक दायित्व के लिए जिम्मेवार नहीं

आरटीओ ने बताया कि अधिसूचना में सड़क दुर्घटनाओं के समय पीड़ित व्यक्ति की मदद करने वाले प्रत्यक्षदर्शियों एवं नेक नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है। मददगार किसी सिविल या आपराधिक दायित्व के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। अगर वह सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति के बारे में पुलिस अथवा आपातकालीन सेवाओं को फोन द्वारा सूचित करता है तो वह फोन पर या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना नाम व व्यक्तिगत विवरण देने के लिए भी बाध्य नहीं होगा। उसके द्वारा अपना नाम, संपर्क विवरण सहित अन्य व्यक्तिगत विवरण बताए जाने को स्वैच्छिक तथा वैकल्पिक बनाया गया है। लोक अधिकारियों द्वारा उसे नाम तथा व्यक्तिगत विवरण देने के लिए बाध्य करने या धमकाने की स्थिति में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक व विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा यदि कोई नागरिक स्वैच्छिक रूप से उल्लेख करता है कि वह दुर्घटना का प्रत्यक्षदर्शी भी है तो ऐसी स्थिति में पुलिस द्वारा अथवा मुकद्दमे के दौरान यदि उसकी जांच अपेक्षित है, तो उससे एक बार ही पूछताछ की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया अपनाते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्यक्षदर्शी को उत्पीड़ित या धमकाया न जाए। स्वास्थ्य संस्थानों को तत्काल शुरू करना होगा इलाज

रमेश कटोच ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों और मदद के लिए आगे आने वाले नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्वास्थ्य संस्थानों पर लागू होने वाले दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। अधिसूचना में यह साफ बताया गया है कि कोई भी निजी या सरकारी स्वास्थ्य संस्थान दुर्घटना पीड़ित की मदद के लिए आगे आने वाले प्रत्यक्षदर्शी को न रोके और पंजीकरण एवं भर्ती औपचारिकताओं की मांग न करें जब तक कि वह स्वयं घायल या पीड़ित व्यक्ति के परिवार का सदस्य या सगा-संबंधी न हो। स्वास्थ्य संस्थान घायल व्यक्ति का तत्काल उपचार सुनिश्चित करें।

मैहतपुर बैरियर पर भी लगभग 200 वाहन मालिकों को इस अधिसूचना के बारे में जागरूक किया गया। कार्यशाला में सेवानिवृत्त आरटीओ एमअल धीमान, एमवीआइ अजय कुमार, अधीक्षक आरटीओ अशोक कुमार सहित वाहन मालिकों ने भाग लिया।


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