गोबिंदसागर झील के घाटों की नहीं हुई नीलामी
उपमंडल के तहत गोबिद सागर झील के घाटों की नीलामी को लेकर मंगलवार को बैठक की गई। जिसमें गोबिद सागर झील के सभी घाट के ठेकेदार भी मौजूद रहे। खण्ड बिकास अधिकारी यशपाल सिंह परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड 19 से पूरा देश ग्रस्त है। अगर घाटों की नीलामी की जाती है। तो घाटों पर कौन जाएगा। ठेकेदार किस प्रकार अपना निर्वाह करेंगे। क्योंकि घाटों की नीलामी होने पर 25 प्रतिशत राशि पहले जमा करवानी पड़ती है। इसलिये यह निर्णय लिया गया। कि 31 मार्च 2021 तक गोबिद सागर झील के सभी घाटों को यथावत ही रखा जाए। क्योंकि अगर घाट की नीलामी की जाती है। तो
संवाद सहयोगी, बंगाणा : गोबिदसागर झील के घाटों की नीलामी को लेकर मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें गोबिदसागर झील के सभी घाट के ठेकेदार भी मौजूद रहे। खंड विकास अधिकारी यशपाल सिंह परमार ने बताया कि अगर घाटों की नीलामी की जाती है तो घाटों पर कौन जाएगा। ठेकेदार किस प्रकार अपना निर्वाह करेंगे। क्योंकि घाटों की नीलामी होने पर 25 प्रतिशत राशि पहले जमा करवानी पड़ती है। इसलिए यह निर्णय लिया कि 31 मार्च 2021 तक गोबिदसागर झील के सभी घाटों को यथावत ही रखा जाए। बीते साल 8,45,100 रुपये में नीलामी हुई थी। इस वर्ष कोरोना को देखते हुए समिति ने मात्र 60 हजार में घाटों को दिया है। इसलिए नाममात्र लाठियानी मदली घाट को 40 हजार, धवेढा को 40 हजार और एक अन्य घाट को मात्र चार हजार में ठेकेदार को दिया है। ऐसे में कोरोना के चलते समिति को लगभग सात लाख की चपत लगी है।