दौलतपुर चौक कॉलेज की पूर्व छात्रा बनी असिस्टेंट प्रोफेसर
ि राजकीय महाविद्यालय दौलतपुर चौक कीपूर्व छात्रा अनुराधा असिस्टेंट प्रोफेसर बनी है। बड़ी बात यह है कि उसकी नियुक्ति भी दौलतपुर चौक कॉलेज में हुई है। पहली मार्च 1990 को माता पुष्पा रानी और पिता देशराज के घर जन्मी अनुराधा बचपन से ही होनहार रही। अनुराधा ने मैट्रिक की परीक्षा रावमापा संघनई से 2005 में जबकि बारहबी की परीक्षा 2007 में रावमापा अम्बोटा से उत्तीर्ण की। फिर 2010 में राजकीय महाविद्यालय
संवाद सूत्र, दौलतपुर चौक : राजकीय महाविद्यालय दौलतपुर चौक की पूर्व छात्रा अनुराधा असिस्टेंट प्रोफेसर बनी हैं। उसकी नियुक्ति भी दौलतपुर चौक कॉलेज में हुई है। पहली मार्च 1990 को माता पुष्पा रानी और पिता देशराज के घर जन्मी अनुराधा बचपन से ही होनहार रही। अनुराधा ने मैट्रिक की परीक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संघनई से 2005 में जबकि बारहवीं की परीक्षा 2007 में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अम्बोटा से उत्तीर्ण की। फिर 2010 में राजकीय महाविद्यालय दौलतपुर चौक से बीए की डिग्री हासिल करने के पश्चात 2012 हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शिमला से एमए संस्कृत और वहीं से 2013 में एमफिल डिग्री की हासिल की। अनुराधा ने लगातार पांच बार नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) और दो बार स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) उत्तीर्ण की साथ ही पीएचडी के लिए रिसर्च वर्क शुरू कर दिया। इससे पहले अनुराधा 2015 से 2018 सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्य किया। जबकि अनुराधा को दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा 2017 में अखिल भारतीय लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार और 2018 में तृतीय पुरस्कार से नबाजा ज चुका है। इसके इलावा अनुराधा के राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर 10 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। अनुराधा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा वीर ¨सह, दादी विद्या देवी और माता पिता को दिया है। अनुराधा की कामयाबी पर वर्तमान कॉलेज प्राचार्या डॉ. इंदु वाला, अनुराधा के अध्ययनरत समय के प्राचार्य डॉ. सतीश कंवर, सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो. प्रवीण वाला, डॉ. राजकुमार राजकुमार संदल, प्रो. अजय सहगल, प्रो. कृष्णा मेहता, प्रो. देवकला शर्मा, प्रो. संदीप पुष्कर्ण, प्रो. सतीश कालिया, प्रो सुशील जरियाल ने उसे बधाई दी है।