चौकी प्रभारी रिश्वत लेता रहा, अधिकारियों को नहीं लगी खबर
जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो कौन सुने पुकार? कुछ इसी कहावत को सच करने की कोशिश में लगे दौलतपुर चौक पुलिस चौकी प्रभारी राजिद्र पठानिया कानून के शिकंजे में फंस गए हैं।
जागरण टीम, दौलतपुर चौक : जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो कौन सुने पुकार? कुछ इसी कहावत को सच करने की कोशिश में लगे दौलतपुर चौक पुलिस चौकी प्रभारी राजिद्र पठानिया कानून के शिकंजे में फंस गए हैं। विजिलेंस विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दौलतपुर पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआइ राजिद्र पठानिया को 10 हजार रुपये व एक किलो बादाम की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा। एएसआइ ने यह रकम एक मामले को रफा दफा करने के बदले में मांगी थी। आरोपित पर एक पारिवारिक विवाद में रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं।
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कैसे किया विजिलेंस टीम ने ट्रैप
विजिलेंस टीम ने पीड़ित राकेश कुमार की शिकायत मिलने के बाद ऊना व शिमला की टीम संयुक्त रूप से गठित की। मंगलवार सुबह करीब 9.45 बजे दौलतपुर पुलिस चौकी प्रभारी एएसआइ राजिद्र पठानिया सादे कपड़ों में बबेहड़ गांव में एक डेयरी में दूध लेने के लिए पहुंचे। इसके बाद पीड़ित के साथ तय बातचीत के आधार पर एएसआइ राजिद्र पठानिया ने एक दुकान के सामने कार रोकी। कार रुकते ही शिकायतकर्ता राकेश कुमार कार की तरफ गया। राकेश कुमार ने एएसआइ को 10 हजार रुपये नकद व एक किलो बादाम दिए। इसके बाद राकेश कुमार वहां से चला गया लेकिन एएसआइ ने पहले 10 हजार रुपये की रकम को तसल्ली से गिना और उसके बाद एक किलो बादाम के पैकेट से कुछ बादाम निकालकर खाए। जैसे ही एएसआइ ने कार को स्टार्ट किया तो पहले से ट्रैप लगाकर बैठी विजिलेंस टीम की टीम कार के पास पहुंची। उसके बाद सागर चंद्र शर्मा समेत टीम ने आरोपित एएसआइ को कार सहित दबोचा।
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यह है मामला
कुनेरन निवासी राकेश कुमार जो दौलतपुर चौक के नजदीक बबेहड़ में नर्सरी चलाता है। मार्च में उत्तरप्रदेश के बरेली की एक महिला से शादी की थी। शादी के कुछ दिन बाद महिला को पता चला कि राकेश कुमार पहले से ही शादीशुदा है। उसके साथ उसकी तीसरी शादी है। इस पर दोनों ने बाकायदा तलाक का एफिडेबिट भी बना लिया और अलग-अलग रहने लगे। रोज झगड़ा होता जिस कारण उनमें खटपट बढ़ गई। महिला ने इसकी शिकायत पुलिस चौकी में की। चौकी प्रभारी ने दोनों की शिकायत सुनी। महिला समझौते के नाम पर पांच लाख मांग रही थी। चौकी प्रभारी ने अढ़ाई लाख रुपये महिला को देने के वादे पर शिकायतकर्ता राकेश को मामला निपटाने की बात कही लेकिन आरोपित चौकी प्रभारी की दिन-प्रतिदिन बढ़ती मांग बढ़ती गई जिसमें 29 मार्च को उसने चार हजार और फिर दो-तीन दिन बाद पांच हजार रुपये, फिर बादाम और शराब दी। ऐसी बढ़ती मांग को देखकर उसने विजिलेंस से संपर्क साधा। एएसपी विजिलेंस ऊना सागर चन्द्र ने अपनी टीम जिसमें शिमला से एसआइयू विजिलेंस इंस्पेक्टर बाबू राम को शामिल कर जाल बिछाकर मंगलवार को आरोपित को रंगेहाथ पकड़ लिया।
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कब मिली सूचना
कुनेरन निवासी राकेश कुमार ने रविवार को विजिलेंस विभाग ऊना के एएसपी सागर चंद्र शर्मा को एएसआइ राजिद्र पठानिया द्वारा बार-बार तंग करने के बारे में सूचित किया। इसके बाद विभागीय टीम ने विशेष ट्रैप लगाकर दबोचा।
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विजिलेंस टीम में कितने लोग शामिल
एएसपी ऊना सागर चंद्र शर्मा। शिमला से एसआइयू के इंसपेक्टर बाबूराम
ऊना की विजिलेंस टीम के 10 अधिकारी व कर्मी मौजूद रहे।
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कितने समय तक चली कार्रवाई
विजिलेंस विभाग की टीम की कार्रवाई मंगलवार सुबह 9.45 बजे शुरू हुई जो शाम पांच बजे तक चली।
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कहां की कार्रवाई
विजिलेंस टीम ने बबेहड़ गांव स्थित एक ढाबे पर बैठकर की कार्रवाई।
वहीं पर जलपान किया। टीम ने कार्रवाई के दौरान खाना तक नहीं खाया।
विभाग की कार्रवाई के दौरान पुलिस चौकी व पुलिस थाना स्टाफ का कोई भी अधिकारी व कर्मी नहीं पहुंचा। ---------------
दौलतपुर पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआइ राजिद्र पठानिया पर कई बार नकद राशि लेने का भी आरोप है। पीड़ित राकेश कुमार निवासी कुनरेन की शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने जाल बिछाकर आरोपित को गिरफ्तार किया है। बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सागर चंद्र शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजिलेंस विभाग ऊना।
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अगर विजिलेंस टीम ने एएसआइ को रिश्वत लेते हुए दबोचा है तो यह सराहनीय प्रयास है। टीम से आग्रह है कि भ्रष्ट लोगों को पकड़ते रहें। आरोपित एएसआइ के बारे में विजिलेंस विभाग से रिपोर्ट आने के बाद ही उसे सस्पेंड करने को लेकर कार्रवाई की जाएगी।
दिवाकर शर्मा, एसपी,ऊना।
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अब तक कितने मामले
विजिलेंस टीम ने पहले दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एक हेड कांस्टेबल को पंडोगा पुलिस चौकी में दबोचा था।
विजिलेंस टीम ने हरियाणा के एक व्यक्ति को दो लाख रुपये की रिश्वत के साथ दबोचा था। विजिलेंस टीम ने आरटीओ नालागढ़ को मैहतपुर में 10 लाख रुपये की रिश्वत देने की पेशकश में गिरफ्तार किया था।