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पॉजिटिव लोगों के संपर्क में रहा स्टाफ दे रहा ड्यूटी

क्या सरकारी विश्रामगृह में तैनात स्टाफ को कोरोना वायरस को लेकर गाइडलाइन लागू नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:22 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:49 AM (IST)
पॉजिटिव लोगों के संपर्क में रहा स्टाफ दे रहा ड्यूटी
पॉजिटिव लोगों के संपर्क में रहा स्टाफ दे रहा ड्यूटी

राजेश शर्मा, ऊना

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क्या सरकारी विश्रामगृह में तैनात स्टाफ को कोरोना वायरस को लेकर गाइडलाइन लागू नहीं हैं। स्टाफ को भी ड्यूटी से हटाकर उन्हें क्वारंटाइन करना जरूरी नहीं था। शायद इस मामले की गंभीरता को भी नहीं देखा गया लेकिन इसी विश्रामगृह में नेगेटिव के बाद पॉजिटिव आई व्यक्ति की रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

शायद यह सही न हो लेकिन एक परिवार के नेगेटिव आए व्यक्ति के तीसरे रोज पॉजिटिव पाए जाने पर जिला के एक सरकारी विश्रामगृह जो क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया है, में व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस विश्रामगृह में कुछ लोगों को क्वारंटाइन किया गया था। इन लोगों तक भोजन और पानी पहुंचाने का जिम्मा यहां तैनात आठ लोगों पर था। हालांकि भोजन पकाया कहीं जाता था, लेकिन कहीं न कहीं ये लोग जरूर उनके संपर्क में रहे होंगे। इतनी लापरवाही कैसे हो सकती है, जब तीन लोग एकसाथ यहां पॉजिटिव पाए गए। न तो यह केंद्र सील किया गया और न ही स्टाफ को क्वारंटाइन करने की जरूरत महसूस की गई।

ऊना के इस विश्रामगृह में जिस रोज तीन लोग पॉजिटिव पाए गए, उसके बाद अगले ही रोज उनका ही एक अन्य साथी भी पॉजिटिव पाया गया। इसी विश्रामगृह के एक कमरे में रखा गया पांच लोगों के परिवार का एक व्यक्ति जो पहली रिपोर्ट में नेगेटिव था, अब अचानक पॉजिटिव हो गया है। बेशक यह व्यक्ति यहां संक्रमित न भी हुआ हो, लेकिन व्यवस्था में चूक ने अब सवाल खड़े कर दिए हैं। स्टाफ से पहले की तरह ही ड्यूटी ली जाती रही और उनके घर जाने पर रोक लगा दी गई। पॉजिटिव आए लोगों के संपर्क में तो वे लोग पहले ही थे, क्या ऐसे में उनसे ही उनके घर के लोग खतरे में नहीं पड़े होंगे।

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अब स्टाफ के टेस्ट कराए जा रहे हैं। लोगों को अलग कमरों में रखा गया था। वहां उस क्षेत्र को सैनिटाइज भी किया गया था। कोविड वायरस एक्टिव होने में कभी देर भी लगती है।

-डा. अजय अत्री।

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विश्रामगृह को सील किया जाना चाहिए था। यह क्यों सील नहीं किया गया अथवा इसमें किस तरह की व्यवस्था की गई थी, इसके बारे में जानकारी ली जा रही है।

-विजय राय, तहसीलदार ऊना।

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कुछ मामलों में कोविड के टेस्ट जल्दी किए गए थे। ऐसे में इन टेस्ट के नेगेटिव आने की संभावना होती है। अब स्वास्थ्य विभाग पांचवें से सातवें रोज सैंपल लेकर टेस्ट कराने लगा है।

डॉ. रमन कुमार शर्मा, सीएमओ ऊना।


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