कोरोना लक्षण छिपाने व उनका सहयोग करने वालों पर होगी कार्रवाई
अब अगर किसी ने भी कोरोना के लक्षण होने पर जानकारी छिपाई तो कार्रवाई होगी।
जागरण संवाददाता, ऊना : अब अगर किसी ने भी कोरोना के लक्षण होने पर जानकारी छिपाई तो कार्रवाई होगी। साथ में ऐसे लोगों का सहयोग करने वालों को भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 60 के तहत आरोपित को सजा तक का भी प्रावधान है। जिले में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए ही जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं।
जिला दंडाधिकारी राघव शर्मा ने मंगलवार को यहां आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 34 के तहत आदेश जारी किए हैं। कहा कोरोना लक्षण से ग्रस्त कई मरीज स्वास्थ्य विभाग को समय पर सूचित कर अपना परीक्षण नहीं करा रहे हैं। ऐसे मरीज बिना टेस्ट अन्य चिकित्सकों, केमिस्ट इत्यादि से अपना उपचार करवा रहे हैं। जब स्थिति गंभीर हो रही है तभी स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को ऐसे रोगियों के इलाज के लिए कठिनाई हो रही है और सामुदायिक संक्रमण फैलाने में भी सहायक बन रहे हैं।
उन्होंने आदेश दिए हैं कि ऐसे सभी मरीज जो किसी निजी चिकित्सक के पास इलाज के लिए आते हैं और जिनमें कोविड-19 के लक्षण बुखार, खांसी, जुकाम, गले में दर्द, सांस में तकलीफ इत्यादि दिखाई देती है, उनकी सूचना संबंधित निजी चिकित्सक द्वारा तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ऊना या संबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी को देना कानूनन अनिवार्य होगा। आदेशों के अनुसार जिला के सभी दवा विक्रेताओं को भी कोविड-19 के लक्षणों वाले रोगियों को संबंधित दवा चिकित्सक की परामर्श पर्ची के आधार पर ही देना अनिवार्य होगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी संबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज से यह जानकारी अनिवार्य रूप से लेनी होगी कि क्या उसने स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करने से पूर्व अपना इलाज किसी व्यक्ति से करवाया था अथवा नहीं और क्या उसने चिकित्सक के परामर्श के बिना उपचार के लिए दवा खरीदी थी अथवा नहीं।
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आदेश किन पर लागू होंगे
आदेश जिला के सभी निजी चिकित्सकों पर लागू होंगे। चाहे वे किसी भी चिकित्सा पद्धति से उपचार करते हों। चाहे किसी भी वैद्य, हकीम इत्यादि नाम से जाने जाते हों तथा किसी भी संस्थान में कार्यरत हों जैसे अस्पताल, क्लीनिक, स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य सरकारी विभागों व प्राधिकरणों में कार्यरत चिकित्सकों पर भी लागू होंगे।
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आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 60 के तहत होगी कार्रवाई
किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज से प्राप्त जानकारी से यह पाया जाता है कि किसी चिकित्सक ने पूर्व में उसका इलाज किया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग को सूचित नहीं किया है अथवा किसी केमिस्ट दुकानदार ने उस मरीज को लक्षणों से संबंधित दवा बिना चिकित्सक के परामर्श के दी है, ऐसी स्थिति में आदेश का उल्लंघन समझा जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना तथा संबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 60 के अंतर्गत अग्रिम कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकृत होंगे।
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पंचायत प्रधानों को भी देनी होगी गांव के वैद्यों व हकीमों की जानकारी
ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पंचायत प्रधान और शहरी क्षेत्र में सभी वार्ड सदस्य इन आदेश के बारे में अपने क्षेत्र के सभी निजी चिकित्सकों, वैद्य, हकीमों इत्यादि को उनकी कानूनी जिम्मेदारी के बारे में शीघ्र व्यक्तिगत रूप से सूचित करने के लिए कर्तव्यबद्ध होंगे।
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आम जनता से अपील
डीसी ने आम जनता से भी अपील की है कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए अपना सामाजिक दायित्व समझते हुए प्रशासन का सहयोग करें तथा कोविड सुरक्षा नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करें। किसी प्रकार के भ्रम न रहें तथा संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए कोविड लक्षण दिखते ही स्वास्थ्य विभाग को सूचित करके अपना कोविड परीक्षण करवाने के लिए आगे आएं।