प्रभावितों को मुआवजा न देने पर रेलवे की संपत्ति होगी नीलाम
रेलवे ने ऊना-तलवाड़ा रेलवे लाइन से प्रभावित हुए कई किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा नहीं दिया है।
राजेश शर्मा, ऊना
रेलवे ने ऊना-तलवाड़ा रेलवे लाइन से प्रभावित हुए कई किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा नहीं दिया है। अब जिले के कई स्थानों में रेलवे की संपत्ति की नीलामी होगी। ऊना की एक अदालत ने यह आदेश जारी किए हैं। फरवरी में नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें प्राप्त होने वाली राशि से प्रभावितों के बकाया का भुगतान किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक ऊना के त्यूड़ी, बसाल व चुरड़ू के कुछ किसानों की भूमि का रेलवे ने लाइन बिछाने के के लिए अधिग्रहण किया गया था। इस भूमि के उचित दाम न मिलने पर प्रभावित लोगों ने रेलवे के खिलाफ अदालत में अपील की थी।
ऊना की अदालत ने रेलवे को भूमि की वर्तमान दरों के आधार पर मुआवजा दिए जाने के निर्देश दिए थे। रेलवे की ओर से उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय द्वारा भी निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रखते हुए फिर से मामले को जिला न्यायालय में भेज दिया था।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे)- एक की अदालत ने प्रभावितों से रेलवे की संपत्ति का ब्योरा मांगा था। त्यूड़ी, दिलवां और ठठल गांव के जिन प्रभावितों से रेलवे की संपत्ति का ब्योरा मांगा था, उन्होंने ऊना के कोटला कलां स्थित उस भूमि के दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, जहां रेलवे की मौजूदा रिहायशी कॉलोनी है। इसके अलावा त्यूड़ी गांव की भूमि के दस्तावेज भी अदालत को सौंपे गए थे, जहां रेलवे की रेल लाइन गुजर रही है।
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नीलामी प्रक्रिया में सहयोग करेगा राजस्व विभाग
अदालत ने रेलवे की इस पूरी संपत्ति को अटैच कर दिया था। इसके बाद अदालत ने इस भूमि की नीलामी के आदेश जारी कर दिए हैं। राजस्व विभाग को इस भूमि की नीलामी की प्रक्रिया पूरी कराने के लिए सहयोग करने को कहा गया है। आदेशों के मुताबिक अदालत की निगरानी में इस भूमि की नीलामी होगी और उसमें प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। प्रभावितों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता अरुण कुमार सैणी व प्रवीण सैणी ने बताया अदालत के आदेश पर नीलामी की प्रक्रिया फरवरी के प्रथम सप्ताह में होगी। इस संबंध में रेलवे के संबंधित अधिकारी के मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वहां से कोई जबाव नहीं मिला है।