तीन महीने में चुकाएं बैंक का कर्ज, वरना कार्रवाई
बैंक के उपभोक्ता बैंक की रक्त कोशिकाएं होती हैं इसलिए हम नहीं चाहते कि बैंक और उपभोक्ताओं के बीच कोई गतिरोध पैदा हो।
संवाद सहयोगी, अम्ब : बैंक के उपभोक्ता बैंक की रक्त कोशिकाएं होती हैं इसलिए हम नहीं चाहते कि बैंक और उपभोक्ताओं के बीच कोई गतिरोध पैदा हो। मगर एनपीए (नॉन प्रफोर्मिग एसेट) के चलते कांगड़ा कोऑपरेटिव केंद्रीय बैंक समिति की हालत दिन-प्रतिदिन पतली होती जा रही है। हम ग्राहकों को तीन महीने का समय दे रहे हैं और उनसे पूछ रहे हैं कि वे किस तरह बैंक का कर्जा चुकता कर सकते हैं। यह बात वीरवार को कांगड़ा कोऑपरेटिव केंद्रीय बैंक समिति के चेयरमैन राजीव भरद्वाज ने अम्ब में पत्रकारवार्ता में कही। कहा एनपीए के चलते समिति की स्थिति बहुत पतली हो चुकी है। इसे सुधारने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जोन में जाकर बैंक अधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही हैं और इसके हल निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के पांचों जिलों में हर जोन अधिकारी से बैठक की जाएगी और समस्या का हल ढूंढा जाएगा। कुछ उपभोक्ताओं की कर्ज चुकाने के प्रति उदासीनता ने बैंक के विकास की गति पर विराम लगाने का काम किया है। ग्राहकों को तीन महीने का समय दिया जा रहा है, अगर ग्राहक इस बात के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर उनके साथ ¨चतपूर्णी के विधायक बलवीर चौधरी व समिति के एमडी विनय कुमार मौजूद रहे।