साहब, फुटपाथ पर कब्जा, पैदल चलने के लिए कहां रखें पांव
ऊना शहर की सड़कों पर अतिक्रमण हावी है। इसे हटाने के लिए प्रशासन के दावे लगातार फेल हुए हैं।
सुरेश बसन, ऊना
ऊना शहर की सड़कों पर अतिक्रमण हावी है। इसे हटाने के लिए प्रशासन के दावे लगातार फेल हुए हैं। इससे समस्या और विकराल होती जा रही है। मुद्दा इतना गंभीर है कि शहर में आमजन के लिए पैदल चलने के लिए बनाया गया फुटपाथ बेतरतीब वाहनों, दुकानदारों के सामान को रखने तथा रेहड़ी फड़ी लगाने करने से ज्यादा कुछ नहीं है। लोगों को सड़क के बीच में चलना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर जहां प्रशासन मौन है, वहीं रोड सेफ्टी क्लब भी चुप्पी साधे बैठा है।
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हर दिन बेतरतीब वाहनों का जमावड़ा
ऊना शहर की सड़कों पर सप्ताह के हर दिन बेतरतीब वाहनों का जमावड़ा रहता है जिससे सड़क किनारे फुटपाथ वाहनों का पार्किंग स्थल बन जाता है। इससे लोगों को कभी फुटपाथ खाली चलने के लिए मिलता ही नहीं है।
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दुकानदारों का सहयोग शून्य
शहर में हमीपुर, नंगल ऊना, संतोषगढ़-ऊना तथा अम्ब-ऊना मार्ग पर कई दुकानदार हैं। इनमें से चंद दुकानदारों को छोड़ दें तो अधिकांश ने अपनी दुकानों के होर्डिग्स बोर्ड, सामान को इस कदर फुटपाथ पर फैलाया है कि मानों हाईवे प्राधिकरण द्वारा फुटपाथ बनाया ही उनके लिए हो। जब अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस या नगर प्रशासन का डंडा चलता है तो दुकानदार कुछ समय के लिए सामान हटा लेते हैं लेकिन बाद में हालात पहले जैसे ही बन जाते हैं।
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रेहड़ी फड़ी वाले भी बड़ी मुसीबत
शहर में फुटपाथ पर कब्जा न केवल दुकानदारों के सामान और बेतरतीब वाहनों का है, बल्कि रेहड़ी फड़ी संचालक भी बड़ी मुसीबत बन चुके हैं। हाईवे किनारे फुटपाथ पर जहां कहीं थोड़ी जगह बचती है वहां पर रेहड़ी फड़ी संचालक अपना कब्जा जमा लेते हैं। शहर में पंजीकृत रेहड़ी फड़ी संचालकों की संख्या ढाई सौ के करीब है। इसके विपरीत अनाधिकृत रूप से इसकी संख्या पांच सौ के करीब है। कई दुकानदार तो प्रतिदिन दो सौ से तीन सौ रुपये रेहड़ी फड़ी वालों से लेकर उन्हें अपनी दुकान के आगे पनाह देते हैं।
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यह है बुरा प्रभाव
सड़क किनारों पर बनाए गए फुटपाथ के खाली न मिलने के चलते यहां आम लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वरिष्ठ नागरिकों एवं बच्चों को ज्यादा समस्या सामने आ रही है। क्योंकि फुटपाथ खाली न मिलने के चलते इन्हें सड़क के बीचोंबीच चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जिससे हादसों की आशंका भी बढ़ जाती है।
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यह हो सकता है समाधान
-माह में एक या दो बार नगर परिषद, रोड सेफ्टी क्लब, पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाएं।
-अतिक्रमण हटाने के लिए चेतावनी के बाद हो सख्त कार्रवाई।
-वाहनों के लिए हो उचित पार्किंग व्यवस्था।
-दुकानदार अपनी हद में सामान रखें।
-रेहड़ी फड़ी के लिए प्रस्तावित वेंडर जोन जल्द हो शुरू।
-अधिकारियों एवं दुकानदारों की इस मुद्दे पर समाधान को लेकर हों बैठकें।
-वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था हो लागू।
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शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए एसडीएम सहित नगर परिषद व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। इस दिशा में प्रभावी कदम उठाकर सड़कों को अतिक्रमणमुक्त बनाया जाएगा।
-कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन, एसपी ऊना।