सूखे और बेमौसमी बरसात से घटेगा गेहूं का उत्पादन
पिछले साल 65 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन करने वाले ऊना जिला इस बार लक्ष्य से पीछे रहेगा।
वीरेन पराशर, ऊना
पिछले साल 65 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन करने वाले ऊना जिला इस बार लक्ष्य से पीछे रहेगा। सूखा और बेमौसमी बारिश के कारण गेहूं का उत्पादन 20 फीसद कम रहेगा। जिले के किसानों के लिए इस बार गेहूं मुनाफे का सौदा साबित हो, ऐसा कम ही लग रहा है। क्योंकि पहले सूखे ने गेहूं की बिजाई में देरी की तो अब बारिश और तूफान ने कटाई रोक दी है। नतीजतन मुनाफे की आस लगाए किसानों की ¨चता बढ़ती जा रही है। नुकसान की बात करें तो सूखे के कारण दस फीसद नुकसान पहले ही हो गया था। जबकि रही सही कसर बेमौसमी बारिश ने दस फीसद और नुकसान कर पूरी कर दी। जिले में गेहूं पक चुकी है और कटाई को तैयार है लेकिन खराब मौसम ने कटाई में खलल डालना शुरू कर दिया है। ऐसे में कम उत्पादन सभी के लिए झटका होगा। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। क्योंकि फसल के जरिए रोजी रोटी करने की उनकी स्थिति और खराब होगी। जबकि ऊना की ओर से एकत्रित होने वाला अनाज इस बार कम होगा।
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जिले में गेहूं
बिजाई की गई गेहूं : 30800 हेक्टेयर
गत वर्ष का उत्पादन : 65000 मीट्रिक टन
गेहूं का समर्थन मूल्य : 1735 रुपये
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एक भी अनाज मंडी नहीं
ऊना जिला गेहूं की पैदावार के लिए मशहूर है और किसानों की बड़ी आर्थिकी इस फसल पर टिकी है लेकिन यहां पर अनाज मंडी नहीं है। हालांकि, कृषि विभाग की ओर से खरीद जरूर की जाती है पर खेतों में कटाई के साथ या फिर घरों में ही व्यापारी मनमाने दामों से किसानों से गेहूं खरीदते हैं। वैसे इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपये निर्धारित किया गया है।
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गेहूं की फसल मौसम के कारण प्रभावित हुई है। गेहूं को किसान काट लें और साथ में मौसम से भी बचाएं। पके हुए दाने बारिश के कारण खराब न हों। किसी प्रकार की जानकारी के लिए किसान विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
यशपाल चौधरी, कृषि उपनिदेशक