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साढ़े पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका माथा

धार्मिक नगरी चितपूर्णी में नवरात्र के चौथे दिन भी उम्मीद के मुताबिक श्रद्धालु नहीं उमड़े।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 06:45 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:18 AM (IST)
साढ़े पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका माथा
साढ़े पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका माथा

संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : धार्मिक नगरी चितपूर्णी में नवरात्र के चौथे दिन भी उम्मीद के मुताबिक श्रद्धालु नहीं उमड़े। हालांकि शंभू बाईपास के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर श्रद्धालुओं की रौनक देखी गई लेकिन अन्य दो काउंटर पर न के बराबर भीड़ देखी गई।

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दोपहर बाद तो आम दिनों के मुकाबले भी श्रद्धालु नजर नहीं आए। ऐसे में स्थानीय व्यवसायी मायूस व निराश दिखे। शाम सवा चार बजे तक मात्र 5892 श्रद्धालुओं ने ही दर्शन पर्ची ली थी, जिसमें सबसे ज्यादा शंभू बाइपास के काउंटर पर 2312 भक्तों ने रजिस्ट्रेशन करवाई। श्रद्धालुओं की कमी के चलते पुलिस प्रशासन ने भी बेहतर ढंग से व्यवस्था को संचालित किया। मंदिर अधिकारी रोहित जाल्टा ने बताया कि मेला शांतिपूर्वक चला हुआ है। मंदिर प्रशासन ने पेयजल और सफाई व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त प्रबंध किए हैं। गेट नंबर एक व दो से श्रद्धालुओं को मंदिर भेजा जा रहा है, जबकि गेट नंबर तीन से श्रदालुओं की निकासी की जा रही है।

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मुख्य बाजार के दुकानदारों के नहीं सुधरे हालात

चितपूर्णी मंदिर खोलने के बाद सरकार ने जो एसओपी तैयार की थी। उसमें अभी तक बदलाव नहीं किया गया है, जिसके चलते मुख्य बाजार के स्थानीय दुकानदारों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। दुकानें खुलने के बाद भी लाकडाउन जैसे हालात बने हुए हैं। मुख्य बाजार में दो सौ के करीब दुकानें हैं लेकिन उनमें प्रसाद की बिक्री भी नहीं हो रही है, क्योंकि मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध है।

स्थानीय दुकानदारों महेश कालिया, राजेश राकेश, तिलक कालिया, जितेंद्र घई, ओपी कालिया, पूर्व ट्रस्टी रमेश कालिया, विक्रांत सूद, समनोली के उपप्रधान अरुण शर्मा, व्यापार मंडल सदस्य उमेश शर्मा रतन चंद, मुल्ख राज, पृथ्वी चंद घई और सुरेंद्र कालिया ने बताया कि दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को मुख्य बाजार में वापस आने की अनुमित नहीं है। कई श्रद्धालु वापसी में प्रसाद लेकर जाते हैं, लेकिन बाजार में श्रद्धालु वापस नहीं आ रहे हैं। इस वजह से उनका कारोबार प्रभावित हो गया है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि रविवार या अन्य भीड़भाड़ वाले दिनों को छोड़कर श्रद्धाद्धालुओं को बाजार से आने-जाने की अनुमति दी जाए। 10 सितंबर से मंदिर खुलने के बाद अब तक सवा लाख से ज्यादा श्रद्धालु चितपूर्णी में दस्तक दे चुके हैं लेकिन उनके व्यवसाय को कोई फर्क नहीं पड़ा। मांग की कि दुकानदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन इस बारे में जल्द कोई निर्णय ले।


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