चिंतपूर्णी मंदिर न्यास की आय पर पड़ा असर
नीरज पराशर चितपूर्णी प्रदेश की सबसे अधिक आय वाले चितपूर्णी मंदिर की वित्तीय स्थिति पर को
नीरज पराशर, चितपूर्णी
प्रदेश की सबसे अधिक आय वाले चितपूर्णी मंदिर की वित्तीय स्थिति पर कोरोना महामारी ने गहरा असर डाला है। मार्च से मंदिर बंद होने के बाद अगस्त माह तक न्यास को सिर्फ पौने बारह लाख रुपये का ऑनलाइन चढ़ावा प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान मां के दरबार में श्रद्धालुओं ने 140709247 रुपये का चढ़ावा चढ़ाया था। पिछले वर्ष इन्हीं साढ़े पांच महीनों में दस लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचे थे, लेकिन मार्च महीने के दूसरे पखवाड़े में मंदिर बंद होने के बाद कोई भी श्रद्धालु अब तक चितपूर्णी नहीं पहुंचा। लाजिमी है कि इस कारण चितपूर्णी में करोड़ों रुपये का कारोबार भी प्रभावित हुआ।
आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद दानपात्र से न्यास को कोई आय नहीं हुई, लेकिन गत वर्ष इसी समय न्यास को सवा दो करोड़ रुपये की आय हो रही थी। वर्ष 2016 से 2018 तक भी न्यास की आमदनी दो करोड़ मासिक के आसपास ही रही थी। वहीं, पिछले वर्ष साल मार्च से अगस्त माह तक श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में दिल खोलकर सोने व चांदी के आभूषण अर्पित किए। कोरोना काल में बंद हुए मंदिर का पिछले साल से तुलनात्मक अध्ययन करें तो वर्ष 2019 के इन महीनों में भक्तों ने 347 ग्राम सोना और एक क्विंटल 17 किलो और 42 ग्राम चांदी के आभूषण चढ़ाए।
मंदिर अधिकारी ओपी लखनपाल ने बताया कि निश्चित तौर पर मंदिर के कपाट बंद रहने से न्यास की आय में कमी दर्ज हुई है। मंदिर बंद होने के बाद पौने पांच लाख श्रद्धालुओं ने किए डिजिटल दर्शन
कोरोना महामारी के कारण गत 17 मार्च को चितपूर्णी मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। इसके बाद मंदिर न्यास के अधिकृत यू-ट्यूब चैनल पर पांच सितंबर तक 4,77,138 भक्तों ने माता रानी की पावन पिडी के डिजिटल दर्शन किए। न्यास के चैनल को बीस हजार से ज्यादा श्रद्धालु सबस्क्राइब भी कर चुके हैं। पिछले वर्ष का चढ़ावा
मार्च 2,29,56,847
अप्रैल 2,68,14,793
मई 2,11,16,742 जून 2,21,62,608 जुलाई 2,07,63,224 अगस्त 2,68,95,033