मां चिंतपूर्णी के लाइन दर्शन कर रहे श्रद्धालु
चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट को बंद हुए पूरा डेढ़ महीना बीत चुका है।
नीरज पराशर, चितपूर्णी
चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट को बंद हुए पूरा डेढ़ महीना बीत चुका है। किसी भी श्रद्धालु को मां के मंदिर में आने की इजाजत नहीं है। ऐसे में भक्त घर बैठकर ही मां के लाइव दर्शन और सुबह-शाम की आरती को देख रहे हैं। इस समयावधि के दौरान एक लाख से ज्यादा बार मां के लाइव दर्शन को मंदिर न्यास की अधिकृत बेवसाइट के यू-ट्यूब चैनल से देखा गया है। इसके अलावा इस चैनल को चार हजार लोगों ने सबस्क्राइब भी किया है।
कोरोना संकट को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन/कर्फ्यू से पहले ही श्रद्धालुओं के मंदिर में आने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था। दरबार के कपाट 17 मार्च को बंद कर दिए गए थे। तब मंदिर न्यास के पास मां के दर्शन की लाइव व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में मंदिर आयुक्त एवं जिला उपायुक्त संदीप कुमार के दिशा-निर्देशों के बाद मंदिर प्रशासन द्वारा रिकार्ड पांच दिन में ही मां के मंदिर की आरती व सजीव प्रसारण के सिस्टम को अपनी बेवसाइट के यू-ट्यूब चैनल पर चला दिया। हालांकि मंदिर बंद होने के कारण इस बात का श्रद्धालुओं का प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया कि अब मां के दरबार की लाइव कवरेज हो रही है, बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस यू-ट्यूब चैनल को सुबह-शाम देखते हैं। सुबह की आरती सबसे ज्यादा देखी जाती है, जबकि शाम की आरती को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु देखते हैं। मां के दरबार का सजीव प्रसारण एक लाख दो हजार बार देखा गया है।
पंजाब के जीरा से गौरव जौली, लुधियाना से राजेश शर्मा व मीनू और मोगा से चंद्रमोहन ने बताया वे नियमित रूप से मां के मंदिर में हाजिरी लगवाने पहुंचते थे, लेकिन कोरोना के कारण कर्फ्यू लग गया और वे महामाई के दरबार से दूर हो गए। इसी बीच किसी संबंधी ने बताया कि मां चितपूर्णी के लाइव दर्शन सारा दिन यू-ट्यूब चैनल पर होते हैं। इसके बाद वे भी लगातार मां का दीदार कर रहे हैं।
मंदिर न्यास के सहायक अभियंता राज कुमार जसवाल ने बताया निर्बाध रूप से मां के लाइव दर्शन बेवसाइट के माध्यम से हो रहे हैं। जो भी श्रद्धालु न्यास से संपर्क करता है, उसे यू-ट्यूब चैनल का लिक भेजा जाता है। इस चैनल को देखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और सजीव दर्शन एक लाख बार से ज्यादा बार देखा जा चुका है।