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खुद अतिक्रमण हटा लो, वर्ना प्रशासन करेगा कार्रवाई

वीरवार को चितपूर्णी मंदिर की व्यवस्था में सुधार धार्मिक नगरी की प्रमुख समस्याओं के समाधान व प्रोस्पेक्टिव प्लान पर चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 08:02 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:50 AM (IST)
खुद अतिक्रमण हटा लो, वर्ना प्रशासन करेगा कार्रवाई
खुद अतिक्रमण हटा लो, वर्ना प्रशासन करेगा कार्रवाई

संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी

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वीरवार को चितपूर्णी मंदिर की व्यवस्था में सुधार, धार्मिक नगरी की प्रमुख समस्याओं के समाधान व प्रोस्पेक्टिव प्लान पर चर्चा की गई। अतिक्रमण का मुद्दा भी खूब उठा व इस पर आगामी दिनों में कड़े कदम उठाने की बात कही गई। मंदिर आयुक्त एवं जिला उपायुक्त संदीप कुमार की अध्यक्षता में यात्री भवन भरवाई में बैठक हुई। व्यापार मंडल और पुजारी वर्ग के साथ तीन घंटे तक मुद्दों पर प्रशासन ने चर्चा की।

बैठक में हाल ही में हुए जनमंच कार्यक्रम में भी व्यापरियों द्वारा जो मुद्दे उठाए गए थे, उन पर मंदिर आयुक्त ने प्रशासन का पक्ष रखा। भीड़ वाले दिनों में मुख्य बाजार में लगे बैरिकेड और स्थानीय वासियों को मां के दर्शन करने के संबंध में उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि आम दिनों में बैरिकेड्स नहीं लगाए जाते हैं, लेकिन रविवार या मेले के दिनों में ऐसी व्यवस्था जरूरी भी है। कहा तलवाड़ा बाईपास से लेकर शंभू बाईपास के क्षेत्र में वाहनों के चलने पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है ताकि मुख्य बाजार में ट्रैफिक की समस्या पेश न आए। साथ ही स्थानीय लोगों को मां के दर्शन करने के लिए आम दिनों में कोई सख्ती नहीं की जाती है, लेकिन भीड़ वाले दिनों में पहचान करना मुश्किल होता है। अतिक्रमण को लेकर उन्होंने सख्त लहजे में दुकानदारों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब भी अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो प्रशासन सख्त कार्रवाई से गुरेज नहीं करेगा।

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सॉफ्ट टारगेट हैं धार्मिक स्थल, भिखारियों को नहीं रहने दें

डीसी ने कहा कि प्रदेश के कई धार्मिक स्थल, जिनमें चितपूर्णी भी शामिल है, असामाजिक तत्वों के लिए सॉफ्ट टारगेट हो सकते हैं। ऐसे में भिखारियों से यहां कोई नरमी न बरती जाए। निर्देश दिए कि इस समस्या से निपटने के लिए चार होमगार्ड जवानों की स्थायी तैनाती की जाए। भिखारियों को यहां से खदेड़ा जाए। वहीं, मंदिर अधिकारी से भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा। इसके अलावा मंदिर आयुक्त ने चितपूर्णी की सफाई व्यवस्था पर भी असंतोष जताया। चितपूर्णी में सफाई व्यवस्था ठीक न होने पर संबंधित सफाई ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही।

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प्रोस्पेक्टिव प्लान को लेकर बनी आम सहमति

उच्च न्यायालय के आदेश पर चितपूर्णी मंदिर में प्रोस्पेक्टिव प्लान को लेकर मंदिर प्रशासन व पुजारी वर्ग में आम सहमति बनी दिखी। हालांकि कुछ मुद्दों पर दोनों पक्षों की राय एक नहीं थी, बावजूद पुजारी वर्ग ने इस प्लान के तहत लिए जाने वाले हर निर्णय को मंदिर न्यास पर ही छोड़ दिया।

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प्रोस्पेक्टिव प्लान का सम्मान हो

बैठक में जिला प्रशासन और पुजारी वर्ग के 40 से ज्यादा सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में मंदिर आयुक्त ने कहा कि पुजारी वर्ग खुद अपनी प्राथमिकताएं तय करे और प्रोस्पेक्टिव प्लान का मंदिर परिसर में सम्मान हो। मंदिर आयुक्त ने कहा कि चितपूर्णी मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था व श्रद्धा का केन्द्र है। ऐसे में यहां पर पारदर्शी व्यवस्था होना बेहद आवश्यक है। इस दिशा में कारगर कदम उठाने बेहद जरूरी हैं। इस पर पुजारी बारीदार सभा के अध्यक्ष रविन्द्र कालिया (छिदा) ने कहा कि चितपूर्णी मंदिर की व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए पुजारी वर्ग मंदिर प्रशासन के साथ है। बैठक में गर्भगृह से दानपात्र का स्थान बदलने पर चर्चा हुई जिसमें पुजारी वर्ग के अधिकांश सदस्यों ने कहा कि इससे मंदिर की आय में कमी दर्ज होगी, जबकि इससे पहले ही मंदिर परिसर में छह दानपात्र स्थापित किए जा चुके हैं। बाद में इस पर यह सहमति बनी कि दानपात्र के आकार में बदलाव किया जाएगा।

मंदिर परिसर में चार पुजारियों को पूजा-अर्चना के लिए वेतन पर रखने के मुद्दे पर प्रशासन ने तर्क दिया कि पुजारी परिवार के चार टोलों से ही चार पुजारी रखे जा सकते हैं। जो आवश्यक योग्यता पूरा करेगा, उसे मंदिर से मिलने वाले हिस्से के अलावा अलग से मंदिर न्यास वेतन प्रदान कर सकता है। इस पर आपत्ति जताते हुए पुजारी वर्ग से जीत लाल कालिया ने कहा कि पुजारी परिवार बाबा माईदास के वंशज हैं और उन्हें मां की पूजा-अर्चना के लिए कोई अलग से वेतन नहीं चाहिए। मंदिर आयुक्त ने वीआइपी लोगों के लिए मां के दर्शन के लिए अलग से कोई स्थान के चयन के बारे में पुजारी वर्ग से राय जानी और कहा कि जब चितपूर्णी में कोई वीआइपी श्रद्धालु आता है तो कतारों में लगे श्रद्धालुओं को रोकना पड़ता है, जिससे आस्था व श्रद्धा से अभिभूत श्रद्धालुओं में नकारात्मक संदेश जाता है। इस पर पुजारी वर्ग ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्च के बाद ही कोई निर्णय लिया जाए क्योंकि मंदिर न्यास पहले भी ऐसे प्रयास कर चुका है।

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यह है प्रोस्पेक्टिव प्लान

प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद चितपूर्णी मंदिर में व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रोस्पेक्टिव प्लान बनाया गया है, जिसमें गर्भगृह में पुजारी बारीदार व सहयोगी पुजारी के अलावा अन्य किसी के प्रवेश पर प्रतिबंध की बात कही गई है। 28 पन्नों के इस प्लान में गर्भगृह में रखे गए दानपात्र का स्थान बदलने के बारे में कहा गया है। साथ में मंदिर परिसर में खजाना बांटने पर रोक, 24 घंटे मंदिर परिसर क्षेत्र की सीसीटीवी द्वारा रिकॉर्डिग और भरवाई-चितपूर्णी मार्ग पर अनियोजित भवन निर्माण पर रोक लगाने के बारे में और इन पर उचित कार्रवाई करने को कहा गया है।

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ये भी रहे मौजूद

मंदिर न्यास द्वारा आयोजित इस बैठक में मंदिर की सह आयुक्त एस तारूल रबिश, मंदिर न्यासी नरेन्द्र कालिया व विजय ठाकुर, व्यापार मंडल प्रधान वासदेव पाधा, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव शर्मा सहित पुजारी व व्यापारी वर्ग मौजूद रहा।


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