चिंतपूर्णी में भिखारियों से श्रद्धालु परेशान
धार्मिक नगरी के हर कोने में भिखारियों की उपस्थिति से प्रशासनिक अव्यवस्था दांव पर लगती हुई प्रतीत हो रही है। जिस तरह से भिखारियों ने यहां डेरा डाला हुआ है उससे नहीं लगता कि इन्हें पुलिस-प्रशासन का कोई खौफ है। इतना ही नहीं भिखारी मां के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को परेशान कर रहे हैं। इन्हें मन मुताबिक पैसा नहीं मिलता है तो वे मां के भक्तों से दुर्व्यवहार तक पर उतर आते हैं।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : धार्मिक नगरी के हर कोने में भिखारियों की उपस्थिति से प्रशासनिक अव्यवस्था दांव पर लगती हुई प्रतीत हो रही है। जिस तरह से भिखारियों ने यहां डेरा डाला हुआ है, उससे नहीं लगता कि इन्हें पुलिस-प्रशासन का कोई खौफ है। इतना ही नहीं भिखारी मां के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को परेशान कर रहे हैं। इन्हें मन मुताबिक पैसा नहीं मिलता है तो वे मां के भक्तों से दुर्व्यवहार तक पर उतर आते हैं। धार्मिक व पर्यटन के लिहाज से भी श्रद्धालुओं में धार्मिक नगरी को लेकर गलत संदेश जा रहा है। श्रद्धालु संजीव कुमार, अरविद, वंदना, बालकृष्ण और अशोक ने बताया भिखारी उनका तक तक पीछा करते हैं, जब तक कि उन्हें पैसे नहीं दिए जाएं। कई भिखारी तो पैसे के लालच में छीनाझपटी तक उतर रहे हैं। चितपूर्णी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि भिखारियों में ज्यादातर अन्य राज्यों के मजूदरों के बच्चे हैं जो न सिर्फ अपनी औलाद का बचपन छीन रहे हैं, बल्कि उनका भविष्य भी धूमिल कर रहे हैं। शर्मा ने बताया भिखारी बच्चों के सिर पर मां-बाप आलसी हो गए हैं और भीख की कमाई से दैनिक जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। स्थानीय पंचायत प्रधान नरेंद्र कालिया ने कहा भिखारियों की समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए। पुलिस कर्मियों को तो कम से कम ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि श्रद्धालु परेशान न हों।
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