दियोली सहकारी सभा का आडिट करने वालों से भी होगी पूछताछ
दियोली सहकारी सभा के 13 करोड़ 20 लाख रुपये के गबन में आडिटर से भी पूछताछ की जाएगी।
अविनाश विद्रोही, गगरेट
दियोली सहकारी सभा के 13 करोड़ 20 लाख रुपये के गबन में सहकारिता विभाग का फैसला तो आ गया लेकिन पुलिस अभी जांच में जुटी हुई है। पुलिस की जांच में सहकारी सभा ने वर्ष 2010 तक सही काम किया है लेकिन उसके बाद सभा में गड़बड़ियां सामने आई हैं। सभा का प्रति वर्ष आडिट होता है। इसमें एक-एक पैसे के हिसाब का विवरण आडिटर की ओर से दिया जाता है। इससे ठीक उलट वर्ष 2018 तक सभा के आडिट में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई, ऐसा कैसे हो सकता है। अब दियोली सहकारी सभा का आडिट करने वालों से भी पूछताछ होगी।
पुलिस अब यह मान रही है कि दियोली सभा में गबन में आडिटर भी दोषी है। प्रति वर्ष आडिट होने पर भी किसी वर्ष में भी आडिटर सभा में गबन को क्यों सामने नही ला पाए जबकि अब भी वर्ष 2019 में जो आडिट किया गया, सभा के गबन का उसी वर्ष कैसे पता चला। यदि आडिट रिपोर्ट के हिसाब से मानें तो वर्ष 2018 में ही सारे पैसे का गबन माना जाएगा जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। पुलिस अपनी जांच में खातों के मिलान से गड़बड़ियां ढूंढ रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो आडिट रिपोर्ट किसी एक आडिटर ने नहीं दी है। वर्ष 2010 के बाद से 2018 तक अलग-अलग आडिटर सभा का आडिट करते आए हैं।
पुलिस प्रति वर्ष की गड़बड़ी के हिसाब से अब आडिटर को बुलाएगी। गड़बड़ी व पूछताछ में दोषी पाए जाने पर आडिटर पर भी मामला दर्ज हो सकता है। पुलिस द्वारा सभा की जांच में देरी का एक कारण यह भी है कि पुलिस को सभा के खाते अलग-अलग जगह से मंगवाने पड़ रहे हैं। जल्द ही सभा की जांच पूरी होने पर सभा सचिव, कमेटी और आडिटर के खिलाफ भी मामले दर्ज हो सकते हैं।
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खाताधारकों को पैसे नहीं, जांच के नाम पर मिल रहे लालीपाप
दियोली सहकारी सभा में जबसे गबन की बात सामने आई है, तब से खाताधारक अपनी अमानत के लिए सभा से बार-बार निवेदन कर रहे हैं। लेकिन सभा खाताधारकों को पैसे तो नहीं दे रही बल्कि जांच के नाम पर लालीपाप जरूर दे रही है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवनभर की कमाई इस सभा में अमानत के रूप में रखी है। खाताधारक अब तक निराश हैं क्योंकि उनके पैसे देने में सभा असमर्थ है।
-------------- पुलिस जांच कर रही है। जिस वर्ष में गड़बड़ी हुई होगी, उस वर्ष सभा का आडिट करने वाले आडिटर को थाने में बुलाकर गड़बड़ी की राशि के संबंध में पूछा जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने पर मामला भी दर्ज होगा।
सृष्टि पांडे, डीएसपी अम्ब