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पांच से अधिक मुर्गियों व पक्षियों की मौत पर ही होगी सैंपलिंग

जिले में बढ़ रही बर्ड फ्लू की संभावना को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 06:50 PM (IST)
पांच से अधिक मुर्गियों व पक्षियों की मौत पर ही होगी सैंपलिंग
पांच से अधिक मुर्गियों व पक्षियों की मौत पर ही होगी सैंपलिंग

जागरण संवाददाता, ऊना : जिले में बढ़ रही बर्ड फ्लू की संभावना को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। जिले में किसी भी पक्षी की मौत पर विभागीय टीमें लगातार नजर रखे हुए हैं। खासकर अब कौए व मुर्गियों की बहुत संख्या में मौत पर विशेष नजर रखी जा रही है। अब विभाग की ओर से जिले में कौए व मुर्गियों की पांच से अधिक मौत होने पर वहीं से सैंपल लिए जाएंगे।

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जिले में कई जगह इक्का-दुक्का पक्षियों की मौत को लेकर लोगों में दहशत को लेकर पशुपालन विभाग ने साफ किया है कि ऐसे मामलों में लोग सतर्क रहें। इसमें भयभीत होने वाली कोई बात नहीं है। अधिक संख्या में ऐसे पक्षियों की एकसाथ मौत पर ही उनमें बर्ड फ्लू की संभावना हो सकती है। विभाग के उप निदेशक डा. जय सिंह सेन ने स्पष्ट किया है कि जहां एक साथ अधिक पक्षियों की मौत हो रही है, वहां पहुंचकर विभागीय टीमें सैंपल जुटा रही हैं। अभी तक जिले में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू की संभावना नहीं देखी गई है।

जिले में पिछले तीन दिन में कई जगह कबूतर और अन्य पक्षियों की मौत की घटनाएं भी सामने आई हैं। इनमें खासकर समूरकलां में एक साइबेरियन पक्षी की मौत भी शामिल है। यह पक्षी किसी वाहन से टकराकर समूरकलां गांव के समीप हाई-वे पर पड़ा था। इससे लोगों में भय का माहौल बन गया था। इसे पशुपालन विभाग ने सामान्य घटना करार दिया है। ऐसे ही मैहतपुर में भी एक कबूतर सड़क पर किसी वाहन से टकराकर मरा था।

पोल्ट्री फार्म पर सर्विलांस टीमें रख रहीं नजर

जिले में गोबिदसागर झील किनारे के पोल्ट्री फार्म व अम्ब और चितपूर्णी क्षेत्र के पोल्ट्री फार्मो पर पशुपालन विभाग की सर्विलांस टीमें नजर रख रही हैं। ऐसी टीमों द्वारा लगातार इन क्षेत्रों की पोल्ट्री फार्म के संचालकों के साथ भी संपर्क बना हुआ है। ऐसे में एक साथ अधिक मुर्गियों की मौत होने के बाद उसकी सूचना भी महकमे को बराबर मिल रही है।

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जिले में एक साथ अधिक पक्षियों की मौत जिस क्षेत्र में भी हो रही है, वहां विभाग की टीमें तुरंत आंकड़े जुटा रही हैं। उक्त स्थानों पर सैंपल भी लिए जा रहे हैं। जहां इक्का-दुक्का पक्षियों की मौत हो रही है वह सर्दी व अन्य कारणों से हो सकती है। ऐसे में भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

-डा. जय सिंह सेन, उप निदेशक पशुपालन विभाग ऊना।


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