जल देवता के प्रकोप से आजाद होगी 335.65 हेक्टेयर भूमि
गगरेट क्षेत्र की खड्डों के पानी की जद में आई भूमि पर जल्द बहार आएगी।
अविनाश विद्रोही, गगरेट
गगरेट क्षेत्र की खड्डों के पानी की जद में आई भूमि पर जल्द बहार आएगी। किसानों को अपनी भूमि पर खेती करने का लाभ मिलेगा, वहीं बेकार पड़ी इस जगह पर अनाज पैदा होगा। खड्डों के तटीकरण के बाद यह क्षेत्र फिर हरा-भरा होगा। ¨सचाई मंत्री महेंद्र ठाकुर ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के सौजन्य से तीन खड्डों के तटीकरण के कार्य का भूमि पूजन किया गया। इसमें संघनई खड्ड, फतेहपुर खड्ड और गोंदपुर बनेहड़ा खड्ड के तटीकरण का कार्य शुरू किया गया। करोड़ों की लागत से हो रहे इन खड्डों के तटीकरण से 335.65 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य बनाई जाएगी। ये सभी स्वां नदी की सहायक खड्डे हैं। बरसात के दिनों में इन खड्डों का पानी कृषि योग्य भूमि का नुकसान पहुंचाता था। कई किसानों ने खेती करना ही छोड़ दिया था लेकिन अब सरकारी प्रयासों से इस भूमि को दोबारा कृषि योग्य बनाया जाएगा। खड्ड का पानी तटीकरण करने से एकीकृत होकर एक जगह बहने से साथ लगती भूमि पानी की मार से बच जाएगी और पुन: कृषि योग्य हो जाएगी। इससे पहले भी बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा स्वां नदी के तटीकरण से हजारों हेक्टेयर भूमि रिक्लेम की थी। बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा शुरू किया गया तीन खड्डों का तटीकरण का कार्य पूर्ण होते ही बाकी बची हुई खड्डों पर भी तटीकरण का कार्य करके शीघ्र ही स्थानीय किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
ऊना को पूरे हिमाचल में कृषि के क्षेत्र में पहले स्थान पर गिना जाता है लेकिन यहां के किसानों के लिए स्वां नदी और उसकी सहायक नदियां हमेशा रौद्र रूप धारण करके बाढ़ से फसलों को नुकसान पहुंचाती रही हैं लेकिन स्वां पर तटीकरण के साथ-साथ उसकी सहायक खड्डों पर भी तटबंध लगाने से किसानों को राहत मिलेगी।
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बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा स्वां नदी की तीन सहायक खड्डों के तटीकरण का कार्य शुरू किया गया है जिसकी अनुमानित लागत 60.356 करोड़ के करीब है। तटीकरण से 335.65 हेक्टेयर भूमि रिक्लेम कर ली जाएगी।
- अश्वनी कुमार, एसडीओ बाढ़ नियंत्रण विभाग