6868 भक्तों ने किए मां की पिडी के दर्शन
चैत्र नवरात्र मेले में कोरोना महामारी का खौफ बरकरार है। श्रद्धालु घर
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : चैत्र नवरात्र मेले में कोरोना महामारी का खौफ बरकरार है। श्रद्धालु घरों से बाहर कम निकल रहे हैं। यही कारण है कि वीरवार को चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं की संख्या वृद्धि दर्ज नहीं हुई। शाम पांच बजे तक 6868 श्रद्धालुओं ने मां की पावन पिडी के दर्शन कर लिए थे।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद चितपूर्णी में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी दर्ज होने लगी थी लेकिन चैत्र नवरात्र शुरू होते ही इनकी संख्या में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज होने लगी। श्रद्धालुओं की कमी को कोरोना के साथ महंगाई से भी जोड़ा जा रहा है। पूर्व के वर्षों में श्रद्धालु लंगर लगाने वाली धार्मिक संस्थाओं के वाहनों में भी पहुंचते थे। कई संस्थाएं चैत्र नवरात्र मेले के लिए निश्शुल्क बसें भी चलाती थीं। 24 घंटे लगने वाले लंगरों में श्रद्धालु निश्शुल्क भोजन भी ग्रहण करते थे और उनकी जेब पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता था। इस बार मंदिर न्यास का लंगर भी बंद है। यही कारण है कि कमजोर आर्थिक स्थिति वाले श्रद्धालु महंगाई की वजह से यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। श्रद्धालुओं की संख्या कम होने से स्थानीय व्यवसायियों के चेहरे पर भी चिता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं।
दुकानदारों जीवन कुमार, अजय कालिया, अमन शर्मा, सुनील कुमार, नवीन, राजन व राजेश ने कहा कि पिछले वर्ष मार्च से उनका व्यवसाय लगभग चौपट हो चुका है। जनवरी व फरवरी में बाजार में रौनक दिखी लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर से श्रद्धालु कम आने के कारण उन्हें दुकानों का किराया, बिजली व पानी का बिल तक निकालना मुश्किल हो रहा है। ऐसी ही स्थिति होटल मालिकों की है। होटलों का ऑक्यूपेंसी रेट 10 फीसद से नीचे चला गया है। इससे होटल मालिकों की चैत्र नवरात्र मेले में अच्छी कमाई होने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। श्रद्धालुओं के लिए सुखद बात यह है कि मां के दर्शन के लिए ज्यादा समय नहीं लग रहा है। लंबी लाइन में लगने के बजाय वे कुछ ही देर में मां के दरबार में हाजिरी भरकर वापस लौट रहे हैं।
मंदिर अधिकारी अभिषेक भास्कर ने बताया कि चितपूर्णी में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने से भीड़ प्रबंधन और कोरोना को लेकर बनाई गई एसओपी का पालन मेला प्रशासन की ओर से बेहतर तरीके से किया जा रहा है।