चाइनीज नहीं स्वदेशी राखियां बनी पहली पंसद
सतीश चंदन ऊना रक्षाबंधन पर्व पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है। बहनों ने भाइयों
सतीश चंदन, ऊना
रक्षाबंधन पर्व पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है। बहनों ने भाइयों की कलाई पर इस बार चाइनीज राखी की जगह स्वदेशी राखी बांधने की तैयारी कर ली है, लेकिन कोरोना का असर बाजारों पर हैं। पहले त्योहार पर खरीदारी के लिए खूब रौनक रहती थी, लेकिन इस बार बाजारों से चहल पहल गायब है।
निशुल्क यात्रा को लेकर नहीं हुई कोई घोषणा
स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। राखी के त्योहार को लेकर हर साल प्रदेश सरकार एचआरटीसी बसों में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का तोहफा देती थी, लेकिन इस बार इसको लेकर कोई घोषणा होती नजर नही आ रही है।
बाजार में नहीं सजी राखियां
पहले जिस तरह से राखियों को लेकर बाजार सजता था, वैसा देखने को नही मिल रहा है। राखी की खरीददारी भी कम हो रही है। ज्यादातर दुकानदारों ने स्टॉक न मिलने के कारण पिछले वर्ष का स्टाक ही सजाया है, जबकि कुछेक दुकानदारों ने पड़ोसी राज्य पंजाब से स्टॉक मंगवाकर काम चलाया है।
स्वदेशी राखियां बेच रहे दुकानदार
चाइनीज राखियों से दुकानदार पहले ही परहेज कर रहे हैं। दुकानदार स्वदेशी राखियों को ही बेच रहे हैं। रक्षा बंधन का पर्व सोमवार को है। रविवार को ज्यादातर दुकानें बंद होने के कारण महिलाओं ने शनिवार को ही राखियां खरीद ली थी।
दुकान में इतनी भीड़ नहीं
दुकानदार शुभम राणा ने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से राखियों की खरीद में भी फर्क पड़ा है। जिस तरह से पिछले पर्व पर महिलाओं की भीड़ बाजार में देखी जाती थी, उस तरह से दुकानों में भीड़ नही है। हेंडमेड राखियों की डिमांड
ऊना के नवीन कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर महिलाएं जागरूक हैं जो अच्छी बात है। इस बाहर महिलाएं स्वदेशी राखियों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रही हैं। लोग भी खुशी से हेंडमेड राखियां ही खरीद रहे हैं।
कोरोना का दिख रहा खौफ
दुकानदार पीएस चंदेल ने कहा कि कोरोना का असर त्योहार पर भी पड़ा है। ऐसा नही है कि महिलाएं अपने भाइयों की कलाई के लिए राखियां नही खरीद रही हैं, लेकिन जिस तरह से इस त्योहार को मनाया जाता था और महिलाएं बाजार आकर खरीदारी करती थी, कोरोना के चलते इस बार यह सब थोड़ा कम हुआ है। शारीरिक दूरी का रखा जा रहा ख्याल
महादेव ट्रेडर्स के अश्वनी कुमार ने बताया कि उनकी दुकान में राखियों की बहुत सी किस्में हैं। महिलाएं उनके पास पहुंचकर राखियां खरीद रही हैं। दुकान में शारीरिक दूरी के नियम का ध्यान रखा जा रहा है। समय समय पर भी सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।