मेडिकल पास की जरूरत है तो 1077 नंबर पर करें संपर्क
प्रदेश में प्रवेश करने या राउंड पास बनवाकर आने-जाने वालों को ई-पास बनवाना आफत बन गया है।
जागरण संवाददाता, ऊना : प्रदेश में प्रवेश करने या राउंड पास बनवाकर आने-जाने वालों को ई-पास बनवाना आफत बन गया है। घंटों बीत जाने के बाद भी ई-पास अप्रूव नहीं हो पा रहा है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उधर प्रशासन का कहना है कि अगर आपातकाल में मेडिकल पास की जरूरत है तो तुरंत 1077 नंबर पर संपर्क करें।
प्रदेश सरकार ने हिमाचल में प्रवेश को लेकर ई-पास पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया है और दस्तावेजों को जांचने के बाद ही लोग प्रदेश में प्रवेश कर पा रहे हैं। लेकिन ई-पास बनवाने के लिए लोगों को कोविड-19 ई-पास की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है। उसके बाद प्रशासन की तरफ से अनुमति मिलने के बाद ही हिमाचल में प्रवेश मिल सकता है। कुछ दिन से ई-पास बनवाना लोगों के लिए आफत बन गया है। ई-पास की अप्रूवल के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। ज्यादा परेशानी आपात स्थिति में प्रदेश से बाहर आने-जाने वालों को हो रही है। उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने हाल ही में ई-पास बनवाने के लिए सही तथ्य व जानकारी आवेदन के साथ दाखिल करने के निर्देश जारी किए थे लेकिन इतना सबकुछ करने के बाद भी पास न बनने से लोग परेशान हैं।
मेडिकल इमरजेंसी में अस्पतालों से रेफर होने वाले रोगियों को भी ई-पास या पास बनवाना अनिवार्य है। इमरजेंसी के समय 108 एंबुलेंस सेवा भी पीजीआइ जाने के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रही है क्योंकि यह एंबुलेंस कोविड-19 में रोगियों को कोविड केयर अस्पतालों में ले जाने में अपनी सेवा दे रही है। निजी वाहनों से पीजीआइ, लुधियाना व जालंधर जाने वालों के लिए पास बनवाना गले की फांस बना हुआ है।
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ई-पास अप्रूव में तथ्यों व प्रमाणपत्रों को जांचने के बाद ही ई-पास अप्रूव हो रहे हैं, इसलिए समय लग रहा है लेकिन आपात स्थिति में लोगों को जल्द पास अप्रूव होकर मिले, इसको लेकर निर्देश दिए जाएंगे। अगर आपातकालीन मेडिकल पास की जरूरत हो तो ऐसे व्यक्ति को तत्काल 1077 पर संपर्क करके सहायता प्राप्त करनी चाहिए।
-संदीप कुमार, उपायुक्त ऊना।