तीन साल बाद दिए जा रहे पानी के बिल, फिर भी भुगतान नहीं
जलशक्ति विभाग के भरवाई उपमंडल द्वारा पानी के बिल तीन वर्ष बाद दिए जा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में उपभोक्ता भुगतान नहीं कर रहे हैं।
नीरज पराशर, चितपूर्णी
जलशक्ति विभाग के भरवाई उपमंडल द्वारा पानी के बिल तीन वर्ष बाद दिए जा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या में उपभोक्ता भुगतान नहीं कर रहे हैं। विभाग के लाखों रुपये उपभोक्ताओं के पास फंस गए हैं। स्टाफ की कमी के कारण विभाग इस पैसे को एकत्रित करने में असमर्थ दिख रहा है। इतना ही नहीं नलों के व्यावसायिक मीटरों की रीडिग भी नहीं की जा रही है और अंदाजे से ही उपभोक्ताओं को बिल थमाए जा रहे हैं। इस कारण पेयजल का दुरुपयोग भी होने लगा है। कई उपभोक्ता जानबूझकर बिल का भुगतान तक नहीं कर रहे हैं।
जनवरी, 2020 तक के आंकड़े बताते हैं कि विभाग ने उपभोक्ताओं से चार लाख रुपये से ज्यादा की धनराशि लेनी है लेकिन फील्ड और कार्यालय में स्टाफ पहले से आधा रह गया है।
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14 हजार नल कनेक्शन के बिलों के लिए एक कर्मचारी
फिलहाल भरवाई सबडिवीजन में 14 हजार नल कनेक्शन हैं। हर महीने तीस से ज्यादा प्रार्थना पत्र नए कनेक्शन लगवाने के लिए भी विभाग के पास आते हैं। बावजूद इसके इन नलों के बिल काटने और एकत्रित करने का जिम्मा सिर्फ एक कर्मचारी के पास है। इसी कर्मचारी के सिर पर डिफाल्टर उपभोक्ताओं को नोटिस भेजने का जिम्मा भी है। इससे न तो समय पर उपभोक्ताओं के पास बिल पहुंच रहे हैं और न ही उनका समय पर भुगतान हो पा रहा है। नोटिस देना भी रस्मअदायगी से ज्यादा कुछ नहीं है, क्योंकि बाद में फॉलोअप तक नहीं होता है।
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व्यावसायिक कनेक्शन के लिए जांच की व्यवस्था नहीं
विभाग द्वारा व्यावसायिक नलों के कनेक्शन के लिए मीटर लगाना जरूरी कर दिया गया है। कई जगहों पर उपभोक्ताओं ने मीटर भी लगवाए तो कई जगह पर इस प्रक्रिया को जरूरी नहीं समझा गया। अगर मीटर रीडिग के हिसाब से बिल दिया जाए तो न सिर्फ पेयजल के दुरुपयोग पर रोक लगेगी, बल्कि विभाग को भी आर्थिक रूप से फायदा होगा लेकिन मैन पावर की कमी से नलों के कनेक्शन की जांच की व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में कई मीटर खराब हैं जो ठीक भी हैं वहां भी मीटर रीडिग नहीं की जा रही है।
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ऑनलाइन करने की प्रक्रिया में लग जाएंगे वर्षो
हालांकि विभाग द्वारा विद्युत विभाग की तर्ज पर पानी के बिलों का वितरण ऑनलाइन करने की योजना तो है लेकिन स्टाफ न होने के कारण इस प्रक्रिया में भी सालों लग जाएंगे। भरवाई सब डिवीजन के कनिष्ठ अभियंता कार्यालय में पानी के बिलों के लिए वाटर वर्क्स क्लर्क के तीन पद हैं लेकिन इनमें दो रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में एक कर्मचारी के हवाले ही बिलों से संबधित सारे कार्य का बोझ है। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए डाटा उपलब्ध करवाना और फिर फीड करना भी विभाग के समक्ष बड़ी चुनौती है।
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कार्रवाई करेंगे : पंकज कुमार
विभाग के सहायक अभियंता पंकज कुमार ने माना कि स्टाफ की कमी के कारण उपभोक्ताओं से लाखों रुपये का बकाया लेना बाकी है। बिलों की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की दिशा में काम किया जा रहा है। प्रयास किए जाएंगे कि उपभोक्ताओं से बकाया राशि वसूली जाए। नोटिस जारी करने के बाद बिल का भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाएंगे।