दौलतपुर में बच्ची की मौत मामला: सीएमओ की रिपोर्ट में खुलासा, प्लंबर की वजह से हुआ हादसा
Girl death case Daulatpur Hospital दौलतपुर सिविल अस्पताल में हुए हादसे की विभागीय जांच में सीएमओ की रिपोर्ट आ गई है।
गगरेट, जेएनएन। दौलतपुर सिविल अस्पताल में हुए हादसे की विभागीय जांच में सीएमओ की रिपोर्ट आ गई है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल प्रशासन द्वारा सीवरेज के ढक्कन ढक कर रखने के निर्देश प्लंबर को दिए थे और उसने अपना कार्य करने में लापरवाही की, जिस वजह से एक तीन वर्षीय बच्ची की जान चली गई। सीएमओ ऊना ने ये जांच अस्पताल प्रशासन से बयान के आधार पर बनाई है और इसकी रिपोर्ट बना कर सचिव स्वास्थ्य विभाग को प्रेषित कर दी है।
यह मामला शुक्रवार दोपहर का है जब सिविल हॉस्पिटल दौलतपुर में एक दपती जो कि स्थानीय गांव से किसी मरीज़ का हालचाल जानने आया था, उनकी तीन वर्षीय बेटी अस्पताल के खुले सीवरेज में गिर कर मर गई थी। पुलिस ने इस मामले में एक प्लंबर को आरोपित बनाया है। प्लंबर द्वारा इस मामले में खुलासा किया गया था कि वो पाइपलाइन की ब्लॉकेज ठीक करने गया था जबकि सीवरेज के मेन होल पहले से ही खुले हुए थे। अब विभाग द्वारा की गई जांच पर भी सवालिया निशान लग गया है। विभाग की जांच पर अनेक सवाल उठ रहे हैं।
विभाग द्वारा शायद जानबूझ कर इन सवालों पर कोई जांच नहीं की जा रही या यह सवाल अपनी जांच में शामिल नहीं किए जा रहे। किसी भी सरकारी भवन में सिविल कार्य करने के कुछ मानक तय हैं। विभाग ने उन मानकों को जांचे बिना प्लंबर को एक मैसन का कार्य दे दिया। लेकिन मौत का जिम्मेवार एक प्लंबर है, जबकि विभाग पाक साफ है।
यह उठ रहे सवाल
- क्या सीवरेज का निर्माण एक प्लम्बर ने किया है ?
- क्या सीवरेज के ढक्कन प्लंबर ने खुले छोड़े थे ?
- क्या प्लंबर मैसन का कार्य भी करता था ?
- क्या उसके पास विभागीय कार्य करने का कोई लाइसेंस था ?
- क्या विभाग ने इस कार्य को लेकर कोई निविदा सूचना किसी नोटिस बोर्ड या समाचार पत्र में दी थी ?
- क्या विभाग ने प्लंबर को कार्य का ज़िम्मा सौंपते हुए, सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा?
- क्या प्लंबर को विभाग ने उक्त क्षेत्र जिस स्थान पर सीवरेज के ढक्कन खुले थे फेंसिंग करने के लिए कहा था ?
- क्या विभाग द्वारा प्लंबर के पास कोई वैध दस्तावेज़ जांचे थे कि उसे कार्य करने का तजुर्बा कितना है ?
- क्या विभाग ऐसे ही किसी को भी कार्य सौंप देता है ?
क्या बोले अधिकारी
- डीएसपी अम्ब मनोज जम्वाल ने कहा कि इस मामले में अभी जांच की जा रही है। क्या काम किसी एजेंसी को दिया गया था, यह जांच चल रही है। फिलहाल किसकी लापरवाही हुई है, यह जांच चल रही है।
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा सेप्टिक टैंक का सीवरेज पाइप चोक होने के कारण यहां समस्या हुई थी। उसे ठीक करने का काम चल रहा था। इसके लिए एक प्लंबर को बुलाया गया था। लापरवाही प्लंबर की सामने आई है। उसने इसे जिस वस्तु से ढका था वह साधारण गत्ता था, उसको तकनीकी तौर पर इसे किसी स्टील की शीट से बंद करना चाहिये था। इससे कोई भी वहां धोखा खा सकता था।