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सर्पदंश से बच्चे और किशोरी की मौत

अलग-अलग गांवों में सामने आए सर्पदंश के दो मामलों में साढे़ तीन वर्षीय बच्चे व 15 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 07:08 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:42 AM (IST)
सर्पदंश से बच्चे और किशोरी की मौत
सर्पदंश से बच्चे और किशोरी की मौत

संवाद सहयोगी, बंगाणा, जोल : अलग-अलग गांवों में सामने आए सर्पदंश के दो मामलों में साढे़ तीन वर्षीय बच्चे व 15 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई। सर्पदंश से मारा गया बच्चा रमन पुत्र कुलदीप चंद निवासी उपरली डोहगी व 15 वर्षीय कोमल पुत्री अशोक कुमार निवासी धरूं उपमंडल बंगाणा की रहने वाली थी।

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पहले मामले में शुक्रवार रात को बंगाणा के डोहगी में साढे़ तीन वर्षीय रमन परिजनों के साथ मकान में सो रहा था। इसी बीच उसे एक सांप ने डस दिया। सुबह पांच बजे के करीब पता चलने पर परिजनों ने रमन के शरीर पर सांप के काटने दांत के निशान देखे तथा तुरंत उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां से उसे ऊना रेफर कर दिया गया लेकिन इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने बच्चे को मृत करार दिया।

दूसरे मामले में उपतहसील जोल की पंचायत अम्बेहड़ा धीरज के गांव धरूं में सर्पदंश से मौत का मामला सामने आया है। कोमल पुत्री अशोक कुमार शुक्रवार रात घर में सो रही थी । उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद परिजन उसे क्षेत्रीय अस्पताल ऊना लेकर आ गए। डॉक्टर ने जांच की तो पता चला कि उसे सांप ने डसा है। इमरजेंसी में तैनात डॉ. रमन कुमारी ने प्राथमिक इलाज के बाद पीजीआइ रेफर कर दिया लेकिन परिजन उसे होशियारपुर के एक निजी अस्पताल ले गए। इससे पहले की वे वहां पहुंच पाते कोमल ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। डीएसपी अशोक वर्मा ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिए गए हैं।

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झाड़-फूंक में जिंदगी से जंग हार गई कोमल

अजय शर्मा, जोल

उपतहसील जोल की पंचायत अम्बेहड़ा धीरज के गांव धरूं में सर्पदंश का शिकार बनी कोमल के परिजन अगर झाड़-फूंक के अंधविश्वास में न पड़े होते तो आज कोमल जिदा होती। शुक्रवार रात कोमल को सांप ने डस लिया तो उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई। उल्टियां होनी शुरू हो गई। पहले तो कोमल के परिजनों ने यही सोचा कि कुछ गलत या ज्यादा खाना खाने से उसकी तबीयत खराब हुई है और तब ही उसे उल्टियां आ रही हैं। वह कुछ ही देर में ठीक हो जाएगी लेकिन जब कुछ देर बाद परिजनों ने कोमल के बिस्तर के पास सांप को देखा तो तब उन्हें सांप के डसने की भनक लगी। तब कोमल के परिजन झाड़ फूंक करने वालों को घर में ही ले आए। इसी झाड़-फूंक में कोमल की जिदगी को बचाने वाला समय निकल गया। झाड़ फूंक करने वाले दो घंटे तक घर में ही टोटका करने लगे रहे। बाद में किसी गांववासी के कहने पर परिजन उसे अस्पताल ले गए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आखिरकार कोमल जिदगी से जंग हार गई। कोमल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अम्बेहड़ा में नौवीं कक्षा की छात्रा थी।


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